RANCHI:रांची कॉलेज में आजसू समर्थित दो उम्मीदवारों के नॉमिनेशन रद होने के बाद उसके कार्यकर्ताओं ने वीसी कक्ष में सोमवार को जमकर हंगामा किया। वीसी डॉ रमेश पांडेय को सीएमओ का दलाल तक कह डाला। वहीं, वीसी के सामने ही डीएसडब्ल्यू डॉ एससी गुप्ता के साथ भी खींचतान हुई और उनसे इस्तीफे की मांग कर डाली। डीएसडब्ल्यू और चुनाव कोर कमिटी के सदस्यों के साथ भी आजसू कार्यकर्ताओं ने अमर्यादित व्यवहार किया। जमकर भला बुरा कहा। आजसू कार्यकर्ता भ्0-म्0 की संख्या में थे। सुबह के क्0.फ्0 बजे से दोपहर क्ख्.फ्0 बजे तक वीसी कक्ष में हंगामा होता रहा।

डीएसडब्ल्यू का इस्तीफा नामंजूर

इधर, आजसू कार्यकर्ताओं के व्यवहार से आहत डीएसडब्ल्यू डॉ एससी गुप्ता ने वीसी डॉ रमेश पांडेय को लिखित इस्तीफा दे दिया है। हालांकि उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया गया है.वीसी डॉ रमेश पांडेय ने कहा कि रांची यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव नियमों पर होगा। प्रेशर से यहां काम नहीं होगा। छात्र संगठनों के दु‌र्व्यवहार से कार्य करना कठिन हो गया है। हम नियमों के मुताबिक काम कर रहे हैं, इसके बावजूद आरोप लगाए जा रहे हैं। मौखिक रूप से इस्तीफे का ऐलान भी कर दिया। हालांकि देर शाम तक सूचना है कि वीसी डॉ रमेश पांडेय राजभवन नहीं पहुंचे हैं।

एक स्टैंड पर रहे आरयू: आजसू

आजसू के हरीश कुमार ने कहा कि हम हर हाल में छात्र संघ चुनाव चाहते हैं, लेकिन रांची यूनिवर्सिटी एक स्टैंड पर रहे। सबसे पहले तो यह तय हो कि चुनाव किन नियमों के आधार पर हो रहा है। पहले तो लिंगदोह कमिटी के नियमों के अनुसार चुनाव की घोषणा की गई है, लिंगदोह कमिटी में कहीं भी यह जिक्र नहीं किया गया है कि प्रमोट किए गए स्टूडेंट्स को चुनाव लड़ने से रोकना है। इस पर विवि की चुनाव कोर कमिटी राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले का अब हवाला दे रही है। हम इन्हीं बातों को लेकर सोमवार को विवि गए थे। हालांकि रांची विवि के अधिकारियों ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए भूल स्वीकार की है। हम रांची विवि के अधिकारियों का सम्मान करते हुए चुनाव मैदान में डटे हुए हैं।

एबीवीपी ने निंदा की

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के शशांक राज ने कहा कि वीसी और चुनाव कमिटी के अधिकारियों के साथ दु‌र्व्यवहार की हम निंदा करते हैं। एबीवीपी और रांची विवि के सभी छात्र रांची विवि के साथ हैं। रांची कॉलेज में हमारे कैंडिडेट की भी उम्मीदवारी रद हुई है, लेकिन हम विवि के नियमों का सम्मान करते हैं। कुछ छात्र संगठन चुनाव नहीं चाहते हैं, इसलिए अड़चनें खड़ी कर रहे हैं।

रांची कॉलेज में क्म् उम्मीदवार मैदान में

रांची विवि ने लीगल ओपीनियन के बाद फैसला लिया है क्राइटेरिया फुलफिल नहीं करने वाले उम्मीदवारों के आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। यानी कि अध्यक्ष समेत पांच पदों के लिए खारिज हुए क्ख् मामलों पर अब विचार नहीं होगा। रांची विवि के एडवोकेट अनूप मेहता से सलाह के बाद रांची विवि ने इस आशय की जानकारी रांची विवि के डीएसडब्ल्यू के कार्यालय और रांची कॉलेज में चस्पा दी गई है। लीगल ओपीनियन में कहा गया है कि कंटेस्टेटिंग इयर में इयर बैक-सेमेस्टर बैक वाले स्टूडेंट्स किसी भी हालत में प्रत्याशी नहीं बन पाएंगे। रांची कॉलेज में अब क्म् उम्मीदवार ही मैदान में हैं। रांची कॉलेज में रविवार को हंगामे के बाद नॉमिनेशन के वैध प्रत्याशियों की सूची पर रोक लगा दी गई थी।