- पति की हत्या के बाद भी नहीं माना हार

BAREILLY:

जब हर कदम पर अपने ही लोग दुश्मनी साधने लगें, तो जिंदगी कितनी संघर्षपूर्ण होगी। इस बात का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। कुछ ऐसे ही हालातों के साथ लड़ते हुए ग्रीन पार्क की रहने वाली रंजना सोलंकी ने एक नया मुकाम हासिल किया है। वर्तमान समय में रंजना सोलंकी न सिर्फ रसोई गैस डिस्ट्रिब्यूटर एसोसिएशन की पिछले आठ सालों से प्रेसीडेंट है बल्कि, एक कुशल गृहणी और अपने दम पर एक सफल बिजनेस वूमेन भी हैं। आइए नवरात्रि के मौके पर जानते है इस नारीशक्ति की कहानी।

पति की हत्या के बाद भी नहीं हारी हिम्मत

बायोग्रुप से बीएससी करने वाली रंजना सोलंकी की शादी बरेली के देवेंद्र सिंह सोलंकी से 3 दिसम्बर 1996 को हुई थी। लेकिन, होनी को कौन टाल सकता था। शादी को दो साल भी नहीं बीते थे कि अपनों ने ही रंजना सोलंकी के पति की 3 मार्च 1998 को निर्मम तरीके से हत्या कर दी। जबकि, इनके ससुर का पहले ही 15 जनवरी 1992 को ही मर्डर कर दिया गया था। पति की हत्या के बाद सारी जिम्मेदारी रंजना सोलंकी पा आ गयी। जिस गैस एजेंसी को हथियाने के लिए अपनों ने देवेंद्र की हत्या की थी वह रंजना सोलंकी के भी जान के दुश्मन बने हुए हैं। लेकिन, पति की हत्या के बाद प्रशासन से मिले सपोर्ट और सिक्योरिटी ने रंजना सोलंकी को एक आत्मशक्ति दिया। इसी बीच अपनी सुरक्षा के लिए रंजना सोलंकी ने 2001 में एक रिवाल्वर का लाइसेंस भी लिया।

प्रेसीडेंट और एक कुशल बिजनेस वूमेन

पति की हत्या के बाद भी रंजना सोलंकी ने कभी हिम्मत नहीं हारी। घर में सबसे अधिक पढ़ी-लिखी होने की वजह से इन्होंने पूरी परिवार की जिम्मेदारी संभाल ली। पति की हत्या के वक्त रंजना का मासूम बेटा किंचित, सास, जेठ और जेठानी व मूक बधिर ननद सभी को साथ लेकर आगे चल पड़ी। जिस समय पति की हत्या हुई उस समय पूरा परिवार फरीदपुर में रहता था। इस बीच उन्होंने खुद बाइक चलाना सीखा और फरीदपुर से रोजाना अपने लता गैस एजेंसी पर आकर घंटों वर्क करना जारी रहा। अपने कुशल नेतृत्व के चलते रंजना सोलंकी पिछले आठ साल से रसोई गैस डिस्ट्रिब्यूटर एसोसिएशन की प्रेसीडेंट हैं। साथ ही साथ इनके गैस एजेंसी से 31 हजार कस्टमर जुड़े हुए हैं। जो कि पूरे जिले के गैस एजेंसियों से सबसे अधिक कस्टमर इनके यहां है।