- रेलवे पर नेशनल लेवल स्टैंडर्ड का ग्राउंड रखने के बाद भी कुछ फैसिलिटी की कमी से नहीं मिल रहे हैं टूर्नामेंट

- 75 लाख रुपए है बजट, दो बार वापस लौट चुका है बजट

GORAKHPUR: बेहतरीन क्रिकेट ग्राउंड है, व‌र्ल्ड क्लास पिच है, नरम और ग्रासी आउटफील्ड भी है। फिर भी कोई बड़ा मैच नहीं, कोई रणजी कॉम्प्टीशन नहीं। इसकी कोई और वजह नहीं, बल्कि पैविलियन बनाने में हो रही लापरवाही है, जो जिम्मेदारों के इंटरेस्ट न लेने से पेंडिंग पड़ा है। इसका नजीता यह है कि हमेशा इंस्पेक्शन में ग्राउंड को रिजेक्ट कर दिया जा रहा है। इससे स्पो‌र्ट्स की फील्ड में शहर का कद बढ़ाने वाले रणजी और दूसरे बड़े मैचेज गोरखपुर को नहीं मिल पा रहे हैं। जबकि, सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में दो बार रणजी मैच भी ऑर्गनाइज किए जा चुके हैं।

दो बार लौट चुका है बजट

एनई रेलवे के पास अपना एक वेल मेनटेंड और सभी मानकों को पूरा करने वाला क्रिकेट ग्राउंड है। इसमें कमी सिर्फ पैविलियन और ड्रेसिंग रूम की है, जिसका अप्रूवल हो चुका है। मगर जिम्मेदारों की अनदेखी और लापरवाही की वजह से अब तक यह बनकर तैयार नहीं हो सका है। हालत यह है कि इसके लिए सेंक्शन किया गया बजट दो बार वापस भी जा चुका है, मगर अब तक इसका निर्माण तो दूर, नींव भी नहीं रखी जा सकी है।

75 लाख फिर हुअा है अप्रूव

दो बार बजट वापस लौटने के बाद भी रेलवे को इस ग्राउंड में पैविलियन और ड्रेसिंग रूम के लिए एक बार फिर बजट मिला है। इसके लिए रेलवे ने करीब 75 लाख रुपए अप्रूव किए हैं। मार्च करीब है, लेकिन इसके बाद भी अब तब इसका काम तो दूर कोई सुगबुगाहट भी नहीं शुरू हुई है। अगर यही हाल रहा, तो इस बार भी बजट वापस लौट जाएगा और पैविलियन कंप्लीट होने पर गोरखपुर में भी रणजी मैच का सपना देखने की उम्मीद लगाए लोगों को फिर से निराशा ही हाथ लगेगी।

नीचे पैविलियन, ऊपर ड्रेसिंग रूम

रेलवे के क्रिकेट ग्राउंड पर अप्रूव्ड वर्क बेसिक नीड है। ऐसा इसलिए कि यहां पर खिलाडि़यों को फ्रेश होने और चेंज करने के लिए ड्रेसिंग रूम की सख्त जरूरत है। वहीं टीम्स को मैच के दौरान बैठने के लिए एक पैविलियन भी चाहिए। इन दोनों को बनाने के लिए जिम्मेदारों को अप्रूवल मिला है। इसमें नीचे पैविलियन बनाए जाने की प्लानिंग की गई है, जबकि ऊपर टीम्स के दो अलग-अलग ड्रेसिंग रूम होंगे।

बॉक्स -

ग्राउंड की हार्डनेस हाेने लगी कम

रेलवे क्रिकेट ग्राउंड की बात करें तो कुछ साल पहले यहां की पिच को अपग्रेड कर इंटरनेशनल मानकों के हिसाब से बनाया गया है। इसमें काली मट्टी के साथ दूसरी जरूरी मिट्टी और सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। वहीं, दूसरी ओर ग्राउंड की हार्डनेस को कम करने और ग्रीन ग्रासी बनाने के लिए मैदान में स्प्रिंक्लर्स भी लगा दिए गए हैं। जिससे अब फील्ड के कोने-कोने में पानी आसानी से पहुंच जा रहा है और धीरे-धीरे पूरे मैदान में ग्रीनरी बढ़ती जा रही है।

इन मैचों की ख्ाुलेगी राह

रणजी ट्रॉफी

अंडर-14

अंडर-19

अंडर-23

रेलवे सभी खिलाडि़यों की फैसिलिटी का खास ध्यान रखता है। क्रिकेट ग्राउंड पर पैविलियन बनाने के लिए कागजी कार्रवाई तेजी से कंप्लीट की जा रही है। जल्द टेंडर कराकर काम शुरू कर दिया जाएगा।

- संजय यादव, सीपीआरओ, एनई रेलवे