आगरा। ये दो उदाहरण वह है, जो आज से कुछ महीने पहले हैकर्स की चपेट में आए थे। हैकर्स ने 'रैनसमवेयर' छोड़ा था। दो छात्र इसके चक्कर में फंसे थे। इसकी शिकायत साइबर सेल में की गई थी। आज जब 100 देशों पर साइबर हमले की खबर आई तो ये पुराने मामले फिर से ताजा होने लगे। साइबर सेल एक्टिव हो गई है। नेटवर्क पर निगहबानी रखे हुए है।

इस तरह से होता है सिस्टम हैक

रैनसमवेयर को अब तक का सबसे बड़ा वायरस माना जा रहा है। ये वायरस यूजर्स के पीसी या लैपटॉप की स्क्रीन पर डरावने मैसेज या अश्लील तस्वीरें डिस्प्ले करके ब्राउजर, ऑपरेटिंग सिस्टम या पर्सनल डाटा को ब्लॉक कर देता है। इससे सारी फाइलें इनकरप्ट हो जाएंगी। फिर भी कोई फाइल आप ओपन नहीं कर सकेंगे। इसके बाद डाटा रिकवर के नाम पर रुपये मांगे जाते हैं। रुपये बिटकॉइन या डॉलर में हो सकते हैं। इसके बाद हैकर्स एक कोड भेजते हैं, उसे डालने के बाद ही सिस्टम प्रॉपर काम करना शुरु करता है।

सिस्टम को हमेशा रखे अपडेट

वायरस से सबसे अधिक खतरा विंडो एक्स-पी को हुआ है। साइबर एक्सपर्ट की माने तो अपने सिस्टम में लेटेस्ट ब्राउजर रखें। किसी भी मेल को ऐसे ही न खोलें। सिस्टम पर एंटी वायरस अपडेट रखे। समय-समय पर सिस्टम को स्कैन करते रहें।