- फैजाबाद रोड स्थित कमता के गोविंद विहार कॉलोनी पहुंची आई नेक्स्ट टीम

- तीन साल पहले बन चुके सीवर लाइन के चालू न होने से बजबजा रही हैं नालियां

<- फैजाबाद रोड स्थित कमता के गोविंद विहार कॉलोनी पहुंची आई नेक्स्ट टीम

- तीन साल पहले बन चुके सीवर लाइन के चालू न होने से बजबजा रही हैं नालियां

LUCKNOW:

LUCKNOW: जगह-जगह बजबजाती नालियां, रोड पर बहता पानी और टूटी सड़कें। यह नजारा है फैजाबाद रोड स्थित कमता के गोविंद विहार कॉलोनी का। कॉलोनी को बसे हुए करीब क्भ् से भी ज्यादा साल हो गये हैं, लेकिन यह इलाका अभी भी मूलभूत सुविधाओं के लिये तरस रहा है।

नहीं चालू हुई सीवर लाइन

गोविंद विहार में स्थानीय निवासियों के काफी प्रयास के बाद करीब तीन साल पहले सीवर लाइन बिछाई गई थी, लेकिन अभी तक वह चालू नहीं हो सकी है। इसके चलते लोगों के घरों का पानी या तो रोड पर ही जमा होता रहा है या फिर खाली पड़े प्लॉट्स में जमा होकर बीमारियों को न्यौता देता रहता है।

संक्रामक रोगों का खतरा

सीवर लाइन नहीं शुरू होने से जो पानी इधर-उधर प्लॉट्स और रोड पर जमा होता है। उससे बीमारियों का खतरा अक्सर बना रहता है। स्थानीय निवासी विनय कृष्ण वर्मा ने बताया कि अभी जुलाई में बरसात के दौरान यहां पर संक्रामक रोगों के चलते कई लोग अस्पताल में भर्ती हो गये थे। फिर भी यहां पर जिम्मेदारों ने कभी इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया।

प्राइवेट रखे गए हैं सफाई कर्मी

नगर निगम की ओर से सफाई की कोई व्यवस्था नहीं होने के चलते स्थानीय निवासियों ने प्राइवेट सफाई कर्मी लगा रखे हैं जो अलटरनेट डेज पर यहां घरों से कूड़ा ले जाते हैं। कई बार सफाई के लिए स्थानीय सभासद से भी लोग शिकायत कर चुके हैं, लेकिन फिर भी यहां की सफाई व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है।

बारिश में स्थि्ाति भयावह

स्थानीय निवासी संदीप राय ने बताया कि आम दिनों में कुछ गनीमत रहती है, लेकिन बारिश के दिनों तो कॉलोनी की स्थिति काफी भयावह हो जाती है। पानी की निकासी की कोई सुचारू व्यवस्था नहीं होने के चलते रोड तो मानो तालाब का रूप ले लेती है। जिसके चलते हम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को लेकर हम कई बार नगर निगम में और स्थानीय नेताओं से भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन हुआ कुछ नहीं। वहीं हनुमान मंदिर के पास रोड काफी खराब है। जिसकी शिकायत आस-पास रहने वालों की है। लेकिन समस्या जस की तस है।

पानी की सप्लाई लाइन नहीं

कॉलोनी को बसे हुए सालों हो गये नगर निगम को भी बराबर टैक्स जमा किया जा रहा है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं। पानी की सप्लाई के लिए यहां पर कोई पाइप लाइन नहीं है। जिसके चलते हर घर में सबमर्सिबल पम्प के चलते ही लोग काम चला रहे हैं।

गायब हैं मेल होल के ढक्कन

सीवर लाइन तो बिछा दी गयी है लेकिन इसके मेनहोल के ढक्कन कई जगहों पर या तो लगाये ही नहीं गये या तो फिर टूटे पड़े हैं। इसके चलते कई बार लोग घायल हो जाते हैं। मेनहोल खुले होने के चलते लोग इसमें कूड़ा डाल देते हैं। इसकी दुर्गध के चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

कोट

विकास के नाम पर यहां जो दिख रहा है वह सिर्फ ऊपरी है। यहां बरसात के दिनों में चलना दूभर हो जाता है। सीवर लाइन चालू नहीं होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

- विनय कृष्ण वर्मा

यहां पर काफी सफाई की जरूरत है। कई जगहों पर मेनहोल के ढक्कनों को लगाने की जरूरत है जो गायब हो चुके हैं या फिर टूटे पड़े हैं। बरसात में जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए कोई कार्य योजना भी तैयार करने की बहुत जरूरत है।

- राम सिंह

घर के सामने ही नाली का पानी उफना रहा है। एक भी सरकारी सफाई कर्मचारी नियुक्त नहीं किया गया है। ऐसे में नालियां चोक हो जाती हैं। बरसात में तो यहां काफी दिक्कत हो जाती है। कोई मदद भी नहीं करता।

- संदीप राय

पार्क में हरियाली नहीं है और सड़कें उखड़ गई हैं। यह तो शुक्र है कि हम लोगों ने समिति के जरिये विकास कार्य करवा रहे हैं। मगर सरकारी मदद मिले तो और अच्छा हो। लेकिन, क्षेत्र की समस्याओं को लेकर कोई भी आगे नहीं आता है।

- सूरज

विकास तो दिख रहा है। मगर यह सिर्फ ऊपरी है। जगह-जगह गड्ढे बन चुके हैं। मेनहोल के ढक्कन टूटे पड़े हैं। जिम्मेदारों से मदद मांगो तो वे टाल जाते हैं। ऐसे में बच्चों को रात में बाहर दुकान भेजने में भी डर लगता है।

- प्रखर

यहां ऐसा तो नहीं है कि विकास की बहुत ज्यादा जरूरत है क्योंकि यह क्षेत्र पहले से ही विकसित है। मगर उसे समय-समय पर मरम्मत की जरूरत होती है और सीवर लाइन चालू हो तो काफी समस्याएं अपने आप खत्म हो जाएंगी।

- मयंक

यहां की समस्याओं के लिए समय-समय पर स्थानीय नेताओं से शिकायत की जाती है। फिर भी अगर कोई काम नहीं होता तो इसके लिए हमने गोविंद विहार वेलफेयर सोसायटी बना ली। जिसके माध्यम से हम यहां की समस्याओं को निपटाने का प्रयास करते हैं।

- डीएन राय