- कोर्ट ने आरोपी पर 30 हजार रुपए का लगाया अर्थदंड

UTTARKASHI: जिला सत्र एवं न्यायाधीश डीपी गैरोला की अदालत में सोमवार को नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के आरोपित को 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया।

अभियोजन पक्ष ने पेश किए 6 गवाह

मामला तहसील बड़कोट के पटवारी चौकी कंडारी क्षेत्र का है। 31 मई 2017 को एक गांव की महिला अपनी 12 साल की बेटी के साथ खेतों में काम करने के लिए गई थी। दोपहर के समय महिला ने अपनी बेटी से खेतों से कुछ दूर प्राकृतिक जल स्त्रोत पर पानी लाने के लिए भेजा। जब नाबालिग बच्ची स्त्रोत पर पहुंची तो वहां पहले से मौजूद अज्जू लाल पुत्र श्याम लाल निवासी कंडारी गांव ने बच्ची को पकड़कर झाडि़यों में ले गया और दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। काफी समय बीत जाने के बाद पानी लेकर नाबालिग बच्ची वापस नहीं लौटी तो उसकी मां पानी के स्त्रोत के पास पहुंची। जहां पर पानी का बर्तन तो मिला लेकिन बच्ची का कोई पता नहीं चला। खोजबीन के बाद झाडि़यों में बच्ची बेहोशी की हालत में मिली। होश में आने पर बच्ची ने अपनी मां को आपबीती सुनाई। इसके बाद 1 जून 2017 को इस मामले में राजस्व पुलिस ने दुष्कर्म सहित पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया तथा आरोपी को गिरफ्तार किया। सहायक शासकीय अधिवक्ता पूनम सिंह ने बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 6 गवाह पेश किए गए। इसके बाद जिला सत्र एवं न्यायाधीश डीपी गैरोला ने इस मामले में आरोपित को 10 साल की कठोर सजा एवं 30 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थ दंड न देने पर आरोपित को दो साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।