- किशोरी से दुष्कर्म के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एसएसपी हरिद्वार से मांगी रिपोर्ट

HARIDWAR: रुड़की में सेक्स रैकेट के चंगुल से छुड़ाई गई किशोरी से दुष्कर्म के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एसएसपी हरिद्वार से रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने पीडि़ता की उम्र से लेकर कोर्ट में दर्ज कराए गए बयान तक की जानकारी 10 दिन के भीतर उपलब्ध कराने के आदेश एसएसपी को दिए हैं.

दरोगा पर लगे थे दुष्कर्म के आरोप

पिछले साल रुड़की सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस ने एक गेस्ट हाउस पर छापा मारकर सेक्स रैकेट पकड़ा था. एक किशोरी ने कोतवाली में तैनात दरोगा पर दुष्कर्म के आरोप लगाए थे. पीडि़ता का कहना था कि दरोगा कुलदीप कांडपाल ने उसके साथ तीन बार दुष्कर्म किया है. तत्कालीन एसएसपी कृष्ण कुमार वीके की मौजूदगी में शिनाख्त परेड के बावजूद आरोपित दरोगा पर कार्रवाई नहीं हुई. पिछले दिनों अचानक मामला सुर्खियों में आने पर दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गैर जनपद तबादला कर दिया. इस मामले में ज्वालापुर निवासी नावेद अख्तर की ओर से सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग में शिकायत की गई थी. इसमें बताया गया था कि आरोपित दरोगा के खिलाफ दर्ज मुकदमे की जांच दरोगा से कराई जा रही है. समान रैंक होने के चलते निष्पक्ष जांच की संभावना कम है. एसपी सिटी की जांच में आरोप सही पाए जाने के बावजूद दबाव बनाकर कोर्ट में बयान बदलवाने की आशंका भी जताई गई. पीडि़ता को न्याय दिलाने के लिए जांच राजपत्रित अधिकारी या सीबीसीआईडी से कराने की मांग शिकायतकर्ता नावेद अख्तर की ओर से की गई. इसका संज्ञान लेते हुए आयोग सदस्य यशवंत जैन की ओर से एसएसपी हरिद्वार को एक पत्र भेजकर जांच की प्रगति रिपोर्ट मांगी गई है. साथ ही 10 दिन के भीतर पीडि़ता की उम्र, एफआईआर, कोर्ट बयान की कॉपी व आरोपित दरोगा पर हुई कार्रवाई सहित अन्य जरूरी दस्तावेज 10 दिन के भीतर उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है. ऐसा माना जा रहा है कि आयोग इस मामले में बड़ी कार्रवाई के आदेश भी दे सकता है.