मासूम को खून से लथपथ पाया

मजदूरी करने वाले माता-पिता की यह बच्ची 15 अप्रैल को लापता हो गई थी। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, लेकिन उसने जांच करने की जहमत नहीं उठाई। 17 अप्रैल को परिजनों को पास में भूतल पर स्थित एक कमरे से रोने की आवाज सुनाई दी। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने ताला तोड़ा तो वहां मासूम को खून से लथपथ पाया। उसे गंभीर हालत में स्वामी दयानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसके साथ हैवानियत के लिए जिम्मेदार माने जा रहे मनोज की तलाश में पुलिस की दो टीमें मुजफ्फरपुर आई और उसे अरेस्ट कर दिल्ली ले जा रही है।

हैवानियत की इंतहा

इस बच्ची के साथ भी रोंगटे खड़े कर देने वाली बर्बरता हुई। डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके बच्ची के यौनांग से दो मोमबत्ती और प्लास्टिक की एक छोटी बोतल निकाली है। दयानंद अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक आर के बंसल ने बताया कि मासूम के गाल, होंठ और गले पर नोचने के निशान हैं। शायद गला दबाकर उसे मारने की कोशिश की गई। पीड़ा से तड़प रही बच्ची का ब्लड प्रेशर सामान्य से काफी कम है। उसके पेट में संक्रमण है, इसलिए उसे अभी कुछ खाने-पीने को नहीं दिया जा सकता।