केजीएमयू में तीन दिवसीय रैप्सोडी-2016 का आगाज

LUCKNOW :

सर्जरी करने वाले डॉक्टर्स ने जब माइक थामा तो यहां भी दूर-दूर तक उनका कोई सानी नहीं था। डांस से लेकर सिंगिग तक में उन्होंने अपना जलवा बिखेरा। मौका था किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के एनुअल फेस्ट रैप्सोडी -2016 का। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में डॉक्टर्स का कुछ अलग ही अंदाज देखने को मिलेगा। केजीएमयू के वीसी प्रो। रविकांत ने केक कटिंग सेरेमनी से इसकी शुरुआत की। इस दौरान वीसी प्रो। रविकांत ने अपनी पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि पहले यहां एसपी फेस्ट हुआ करता था जिसमें वे भी हिस्सा लेते थे.उस समय भी कुछ अलग ही माहौल होता था।

डॉक्टर्स ने गाए पुराने नगमे

एनाटॉमी विभाग के हेड प्रो। एके श्रीवास्तव ने ये दुनिया वाले पूछेंगे, मुलाकात हुई, क्या बात हुई और देखा न हाय रे सोचा न हाय रे गाना गाकर लोगों की खूब तालियां बटोरी। इसके बाद डॉ। राजा रुपानी दिलवार ने मेरे दिल में आज क्या है, गाया तो बच्चों ने उनका उत्साहवर्धन किया। इसके बाद बच्चों की फरमाइश पर उन्होंने आने वाला पल जाने वाला है गाया। वहीं डॉ। शादाब महमूद ने सौ बार जन्म लेंगे गाना गाकर खूब वाहवाही बटोरी। इसके अलावा सिंगिंग कम्पटीशन में बीडीएस, नर्सिंग, एमबीबीएस के स्टूडेंट्स ने अपनी आवाज का जादू बिखेरा।

गजलों ने बांधा समां

केजीएमयू के ऐनुअल फेस्ट रैप्सोडी -2016 की पहली शाम गजलों से गुलजार हुई जिसमें यश भारती सम्मान से सम्मानित गजल गायक कमाल खान ने होठों से छू लो तुम गजल पेश की तो माहौल रुमानियत के रंग में रंग गया। इसके बाद उन्होंने किसी नजर को तेरा इंतजार आज भी है, चुपके चुपके रात दिन व हुजूर इस कदर भी न इतरा के चलिए समेत कई गजलें पेश की। उनके साथ गजल गायिका कृति त्रिपाठी ने फिजां भी है जवां-जवां पेश की। इसके अलावा पहले दिन भागड़ा नाइट के साथ कई सामाजिक मुद्दों पर आधारित प्ले भी हुए।