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AGRAAGRA। दुनिया के अजूबे ताजमहल के अंदर हरे-भरे पेड़ भी किसी अजूबे से कम नहीं है। व‌र्ल्ड हेरिटेज मॉन्यूमेंट ताज परिसर में जहां एक तरफ राजाओं के संदेश को एक स्थान से दूसरी जगह तक पहुंचाने में मददगार पेड़ लगा हुआ तो वहीं, इस परिसर कई ऐसे पेड़ भी शोभा बढ़ा रहे हैं जिनके बारे में शायद ही कुछ लोग जानकारी रखते हैं।

भोजपत्र का पेड़ हैं यहां

संगमरमरी सुन्दरता के लिए पूरी दुनिया में अपनी खास जगह रखने वाले ताजमहल की हरियाली भी कुछ कम आकर्षण नहीं रखती है। ताजमहल के मुख्य गुम्बद के दाएं-बाएं स्थित दोनों गार्डन्स में कुछ खास पेड़ मेहमानों का बरबस ही ध्यान अपनी ओर खींच लेते हैं। ताज परिसर में ही भोजपत्र का पेड़ लगा हुआ है। जो राजसी तंत्र के जमाने में संदेश भेजने के लिए खासतौर पर प्रयोग में लिया जाता था।

बैगर बाउल लगा रहा चार चांद

ताजमहल के गार्डन्स के रखरखाव के लिए जिम्मेदार पुरातत्व विभाग की उद्यान शाखा के ताज परिसर इंचार्ज धर्मेद्र सिंह का कहना है कि बेगर बाउल के पेड़ अपने आप में खासा आकर्षण है। यह पेड़ ताजमहल की सुन्दरता में चार चांद लगा रहा है। गार्डन इंचार्ज धर्मेद्र सिंह के अनुसार बैगर बाउल पेड़ पर भिखारी के कटोरे के समान दिखने वाला बहुत ही सुन्दर फूल आता है। इस पेड़ पर इन्हीं दिनों में फूल लगते हैं। खास बात यह है कि बैगर बाउल के फूल पत्तियों वाली टहनियों पर नहीं निकलते हैं। यह खास तरह के फूल पेड़ के सीधे तने पर ही खिलते हैं।

पुतरंजीवा भी है यहां

भोजपत्र और बैगर बाउल ही नहीं, ताजमहल परिसर में पुतरंजीवा के पेड़ भी हैं। एक्सपटर््स के मुताबिक प्राचीन काल से ही इस पेड़ को पुत्रों की रक्षा करने वाले पेड़ के रूप में जाना जाता है। इसीलिए इसका नाम पुतरंजीवा है। एक्सपटर््स की मान लें तो बच्चे की रक्षा के लिए इस पेड़ की थोड़ी सी लकड़ी को महिलाएं उसी तरह धारण करती हैं जिस तरह से रुद्राक्ष और तुलसी को धारण किया जाता है।

पेड़ की भी नेम प्लेट

यही नहीं तमाम लोग इन पेड़-पौधों के बारे में जानना भी चाहते हैं। विभाग के कर्मचारियों से टूरिस्ट पूछताछ भी करते हैं। इसी के मद्देनजर पुरातत्व विभाग की उद्यान शाखा की ओर से पेड़ के ऊपर उसकी नेम प्लेट भी लगाई गई है। बोलचाल के नाम के साथ ही साथ पेड़ का वानस्पतिक नाम भी इस नेम प्लेट पर लिखवाया गया है। जिससे मेहमानों को इन पेड़ों के बारे में सही से जानकारी मिल सके।

बचा के रखा है भोजपत्र को

इंचार्ज धर्मेंद्र सिंह बताते हैं कि लोगों को भोजपत्र के बारे में जानकारी होती है तो उसे नोंचने लगते हैं। आमतौर पर भोजपत्र के बारे में लोगों ने पढ़ रखा है कि इसकी छाल पर राजा-महाराजा अपने संदेश भेजा करते थे। यही वजह है कि ताजमहल देखने के लिए आने वाले टूरिस्ट इस पेड़ की छाल उतारने में लग जाते हैं। जिससे पेड़ को क्षति पहुंचती है। इसी वजह से उद्यान शाखा की ओर से इस पेड़ को बचाने की कोशिशें भी की जा रही हैं। इसके लिए इसको जाली से कवर्ड कर दिया गया है। लोग इन पेड़ों को किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचा सकें, इसके लिए इनका विशेष ध्यान रखना पड़ता है।