-सिगरा स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी मैच कराने के लिए कवायद शुरू

-यहां एक ही मैदान पर कई खेलों का होता है आयोजन

-जबकि क्रिकेट के मैदान में नहीं खेला जा सकता कोई और खेल

-ऐसे में रणजी ट्रॉफी के आयोजन को लेकर उठने लगा सवाल

स्मार्ट होते बनारस के सिगरा स्टेडियम में 14 साल बाद एक बार फिर रणजी का जिन्न बाहर निकल आया है। स्टेडियम प्रशासन की ओर से यहां रणजी ट्रॉफी कराने के लिए कवायद शुरू हो गई है। इसको लेकर स्टेडियम में रेनोवेशन का काम भी स्टार्ट हो चुका है। इन सब के बीच यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या रणजी के रण लायक है यह मैदान? अगर नहीं तो कैसे हो पाएगा सपना पूरा? जानकारों का कहना है कि शहर का यह एकलौता ऐसा स्टेडियम है जहां एक ही मैदान में कई खेलों का आयोजन होता है। जबकि क्रिकेट के मैदान में कोई और खेल नहीं खेला जा सकता। ऐसे में रणजी ट्रॉफी की कल्पना भी करना बेमानी होगी।

मैदान में 5 विकेट बनाने की तैयारी

अधिकारियों का कहना है कि यहां रणजी ट्रॉफी का आयोजन कराने से पहले मैदान समेत पूरे स्टेडियम को उस तरह से तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई है जैसी जरूरत होती है। स्टेडियम में हो रहे रेनोवेशन वर्क के बाद यदि मैदान उस लायक होगा तो यहां रणजी कराने में कोई हर्ज नहीं। दो नये विकेट बनाने की प्रक्रिया शुरू की गयी है। इसके लिए बलुआ घाट, चंदौली और चुनार से 10 डंपर काली मिट्टी आ रही है। इसी मिट्टी से पहले से बने पुराने विकेट्स को भी नया किया जाएगा। उसके बाद मुख्य मैदान का समतलीकरण शुरू होगा। अगले सप्ताह तक आधुनिक रोलर भी स्टेडियम को मिल जाएगा।

6 करोड़ में दर्शक दीर्घा

खेल निदेशालय ने यूपीपीसीएल को लगभग छह करोड़ रुपये में दर्शक दीर्घा और पवेलियन के रिनोवेशन का कार्य भी कराने को कहा है। पूरे स्टेडियम का रंग रोगन भी मानक के अनुसार होगा। इन सब कार्यो को देखते हुए इस सत्र में यहां रणजी मैच कराने के कयास लगाए जा रहे हैं।

नए क्रिकेट ग्राउंड की जरूरत

वहीं क्रिकेट एक्सपर्ट की मानें तो यहां पर रणजी ट्रॉफी मैच होगा तो निश्चित ही युवा क्रिकेटरों को इसका लाभ मिलेगा। लेकिन सिगरा स्टेडियम का मैदान अभी उस स्थिति में नहीं है। क्योंकि यह मल्टीपरपज ग्राउंड है। ऐसे में जरूरत है कि सरकार या बीसीसीआई की ओर से शहर में क्रिकेट के लिए एक अलग मैदान तैयार कराया जाए। जिससे युवा खिलाडि़यों को अवसर मिल सके।

2003 में हो चुका है रणजी मैच

ऐसा नहीं है कि बनारस में रणजी मैच कभी हुआ ही नहीं। यहां आखिरी बार रणजी ट्रॉफी का मैच 2003 में सिगरा स्टेडियम में यूपी और रेलवे के मध्य खेला गया था। उसके बाद से तो इस स्टेडियम को कभी भी रणजी मैच का मौका नहीं मिला। 14 साल बाद एक बार फिर यहां इस मैच को लेकर कवायद शुरू हुई है।

वर्तमान में सिगरा स्टेडियम रणजी ट्रॉफी कराने लायक बिल्कुल भी नहीं है। यहां न तो पवेलियन है, न ही ग्राउंड। जो है भी तो वो भी मल्टीपरपज यूज में आता है। जबकि क्रिकेट के लिए अलग मैदान होना चाहिए। बीसीसीआई बनारस में दूसरा क्रिकेट ग्राउंड बनवाए तो नए युवाओं को मौका मिले।

धर्मेन्द्र मिश्रा, पूर्व रणजी प्लेयर

हम यह नहीं कहते हैं कि स्टेडियम में रणजी मैच हो ही जाएगा। इसके लिए अभी से तैयारी की जा रही है। स्टेडियम का रेनोवेशन होने के बाद यदि अधिकारियों को लगेगा कि मैदान रणजी कराने लायक है तो यह मैच जरूर कराया जाएगा।

एसएस मिश्रा, आरएसओ, सिगरा स्टेडियम