- बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस का हाल

- चाइल्ड लाइन कर्मचारी ने की खुदकुशी, मॉर्चरी में चूहों ने कुतरा शव

Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR:  जिले का स्वास्थ्य महकमा मुर्दो की हिफाजत तक नहीं कर सकता। जिम्मेदारों की उदासीनता ने यहां के सरकारी अस्पतालों की मॉर्चरी में रखे शवों को चूहों की खुराक बनाकर रख दिया है। एक बार फिर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस में रखे शव को चूहों द्वारा कुतर डालने का मामला सामने आया है। सुसाइड करने वाले चाइल्ड लाइन कर्मचारी की डेडबॉडी यहां मंगलवार रात लाई गई थी। सुबह परिजन पहुंचे तो शव देख अवाक रह गए। शव को चूहों ने बुरी तरह कुतर दिया था। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगा खूब हंगामा किया। बता दें, ये पहला वाक्या नहीं है जब बीआरडी या जिला अस्पताल की मॉर्चरी में रखे शव की देखरेख में इस हद तक लापरवाही हुई हो। आलम ये कि यहां मॉर्चरी में शवों को फर्श पर ही रख दिया जाता है जिसके चलते चूहे शवों के कान-नाक और आंख तक खा जाते हैं।

गायब था चेहरे से मांस
मिली जानकारी के मुताबिक, गोलघर काली मंदिर के पास रहने वाला विवेक कुमार सिविल लाइंस स्थित चाइल्ड लाइन दफ्तर में ढाई साल से काम कर रहा था। मंगलवार को उसका अपने पिता से किसी बात को लेकर विवाद हुआ। विवेक घर से ऑफिस जाने के लिए निकला लेकिन ऑफिस नहीं पहुंचा। कुछ देर बाद काली मंदिर के पास ही वह सड़क किनारे अचेत मिला। मुंह से झाग निकल रहा था। परिजनों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। हालत गंभीर होने पर डॉक्टर्स ने मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। वहां इलाज के दौरान शाम को चार बजे उसकी मौत हो गई। शव को बीआरडी के पोस्टमार्टम हाउस की मॉर्चरी में रखा गया था। बुधवार को जब शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया तो पता चला कि उसके चेहरे से मांस गायब है। शव को चूहों ने कुतर दिया था। शव की हालत देख परिजन पोस्मार्टम हाउस पर हंगामा करने लगे। हंगामे की सूचना पर पहुंचे जिम्मेदारों ने समझाबुझाकर किसा तरह शांत कराया।

परिजनों से ही मंगवाते हैं सामान
बीआरडी मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी के ठीक सामने पुराना पोस्टमार्टम हाउस बनाया गया था। मगर बाद में मेडिकल कॉलेज परिसर में ही नया आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस स्थापित किया गया। जहां पर शवों को रखने के लिए अलग कमरे बनाए गए हैं। लेकिन यहां पर शवों को न रख पुराने पोस्टमार्टम हाउस में ही रखा जा रहा है। डेली यहां से पोस्टमार्टम के समय शवों को नए मॉर्चरी हाउस लाया जाता है। अपने को खोने के गम में डूबे परिजनों पर भी कर्मचारी दया नहीं दिखाते। उन्हीं से कफन, ग्लव्स, सुई, ब्लेड, मोमबत्ती और सील करने के लिए सामान तक बाहर से मंगवाते हैं।

बदहाल पुराना पोस्टमार्टम हाउस
बीआरडी के पुराने पोस्टमार्टम हाउस के अगल-बगल झाडि़यां उग आई हैं। इसकी कभी सफाई नहीं की जाती है। यही वजह है चूहे, नेवला सहित अन्य जानवर पीएम हाउस के आसपास घूमते रहते हैं। बताया जा रहा है कि यह पहला मामला नहीं हैं। इससे पहले भी कई बार मामले उजागर हो चुके हैं। ठंड के मौसम में ही ऐसा होता है लेकिन अस्पताल प्रशासन मौन साधे हुए है।

डीपफ्रीजर हैं खराब
लाशों को रखने के लिए मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस मे दो डीप फ्रीजर लगाए गए हैं। इनमें एक फ्रीजर में करीब दो से तीन लाशें रखी जाती हैं। लेकिन यह कई साल से खराब पड़ा है। शिकायत के बाद भी किसी जिम्मेदार ने इसकी मरम्मत कराने की जहमत तक नहीं उठाई। आज भी वह कबाड़ की तरह एक कोने में पड़ा है।

इन सामनों की पड़ती है जरूरत
बोन कटर, कैंची, ब्लेड, निडल, लैंप, वजन नापने की मशीन, धागा, एग्जाइमिनेशन काउच मेज, ऑपरेशन थिएटर की तरह लाइटिंग का उचित प्रबंध

पुराने जंग लगे उपकरण हो रहे इस्तेमाल
जंग लगे हैमर, छेनी, चाकू आदि।

केस 1- नवंबर में जिला अस्पताल की मॉर्चरी में रखा गया एक सपा नेता का शव चूहे कुतर गए। परिजन जब शव को पोस्टमार्टम के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले जाने लगे तो देखा की शव के चेहरे से मांस गायब है। इसकी जानकारी होने पर परिजन हंगामा करने लगे। मौके पर पहुंचे अस्पताल प्रशासन के जिम्मेदार और पुलिस के समझाने के बाद मामला शांत हुआ।

केस-2 दो वर्ष पहले बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एक लावारिस लाश को चूहे और नेवलों ने कुतर दिया। जब कर्मचारी शव का पोस्टमार्टम करने पहुंचे तो उन्हें ज्ञात हुआ। इसके बाद अस्पताल प्रशासन को इसकी जानकारी दी। तत्काल पोस्टमार्टम हाउस के आसपास झाडि़यों की सफाई कराई गई। मगर समय बीतने के साथ दोबारा परिसर की सफाई नहीं कराई गई। आज भी यहां झाडि़यां उगी हुई हैं।

इस समय मैं मीटिंग के लिए लखनऊ जा रहा हूं। यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। मॉर्चरी हाउस का मुआयाना किया जाएगा। जिस रास्ते मॉर्चरी हाउस में चूहे प्रवेश कर रहे हैं उसे तत्काल बंद करवाया जाएगा। साथ ही परिसर के झाडि़यों की सफाई कराई जाएगी।

- डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ गोरखपुर