आदमखोर चूहे

सब जानते हैं कि वो अनाज से भरा पूरा का पूरा गोदाम चट कर जाते हैं। यह भी जानते है कि उनके चलते उनके बिल के चलते हमारे घरों की नींव दरकती है। लेकिन वो मर्चरी में पड़ी डेड बॉडी साफ कर दे रहे हैं, ये खबर सुन कर मन सिहर उठता है। दोष चूहों से ज्यादा हमारे सिस्टम का है जो यह सब होने दे रहा है। दिल कड़ा करिए और जानिए इस खबर को

इंसानी लाश उनका भोजन है!

मंडलीय हॉस्पिटल के मर्चरी रूम में डेड बॉडी को कुतुर डाल रहे हैं चूहे

हॉस्पिटल में काट खाने वाले चूहों की भरमार, सिस्टम को खबर नहीं

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ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ : चूहों का नाम लेते ही अगर आप यह सोचने लगे घर में कपड़ों को कुतरने वाले, रेलवे स्टेशन पर फूड स्टॉल में घुस कर सामानों को नष्ट करने वाले, ट्रेन्स सिग्नल के तार कुतरने वाले चूहों की बात हो रही है तो गलत है। हम बात कर रहे है मंडलीय हॉस्पिटल के मर्चरी रूम में पलने वाले चूहों की। जो मर्चरी में रखी जाने वाली डेड बॉडी को भी नहीं बख्श रहे हैं। वो कुछ घंटों के भीतर ही डेड बॉडी के एक बड़े हिस्से को कुतुर कर चट कर जा रहे हैं।

डेड बॉडी बना निवाला

लावारिस डेड बॉडी अक्सर मर्चरी में रखी जाती है। जिसका सबसे बुरा हाल होता है। लावारिस होने के कारण उनका केयर करने वाला कोई होता नहीं है। इसलिए डेड बॉडी कई-कई घंटे तक या कई बार कई दिनों तक मर्चरी रूम में पड़ी रहती है। जिसे चूहे, छछुंदर अपना निवाला बनाते हैं। चूहे अधिकतर आंख, कान, अंगुली को कुतुर देते हैं। इस मुद्दे पर परिजनों द्वारा अक्सर हो हल्ला भी मचाया जाता है लेकिन पुलिस के समझाने बुझाने के बाद मामला शांत हो जाता है। ऐसी कई घटनाएं भी हॉस्पिटल में घट चुकी हैं लेकिन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के कान पर जूं तक नहीं रेगीं।

डीएम का इंस्पेक्शन जख्म पर मरहम

मर्चरी की हालत ऐसी है कि डेड बॉडी को अगर छह घंटे के लिए छोड़ दिया जाए तो चूहे पूरी बॉडी ही चट कर जाएं। मर्चरी रूम के अंदर की जो स्थिति है ठीक बाहर भी वहीं कंडीशन है। हालांकि डीएम के इंस्पेक्शन के बाद से कुछ हालात जरूर चेंज हुए लेकिन चूहे व छुछंदर से पार पाने का काट हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन नहीं खोज पाया। इस बारे में एक जिम्मेदार अफसर का जवाब कुछ इस तरह का होता है कि इसकी कभी कोई कल्पना नहीं कर सकता। आई नेक्स्ट ने इस इश्यू पर जब एसआईसी डॉ। शरदचंद्र मिश्रा से बात की गई तो उनका दो टूक जवाब था कि हमारे साथ आकर इंस्पेक्शन करिए।