भगवान जगन्नाथ अपने भाई और बहन के साथ पहुंचे ससुराल, भक्तों को दिया दर्शन

लक्खी मेले में शुमार तीन दिवसीय रथयात्रा मेला शुरू, पहले दिन रही खासी भीड़

VARANASI

भगवान और भक्त का सम्बन्ध कुछ अजब ही है। एक के बिना दूसरे को चैन नहीं। भगवान और भक्त की इस बेचैनी ने शनिवार को तब विराम लिया जब भक्तों से मिलने स्वयं प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर रथयात्रा पहुंचे और दर्शन दिया। नाथों के नाथ जगन्नाथ को अपने बीच पाकर भक्तों की खुशियों का ठिकाना न रहा। भगवान भी अपने भक्तों से मिलने को व्याकुल थे। बीमारी के बाद मन बदलने को ससुराल आना तो सिर्फ एक बहाना था। अपने आराध्य के दर्शन के लिए पहले दिन ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी और इसी के साथ तीन दिवसीय रथयात्रा मेला शुरू हो गया।

ससुराल में खायी पूड़ी-सब्जी

भगवान जगन्नाथ अपने मंदिर से शुक्रवार की शाम गाजे बाजे के साथ बेनीराम का बगीचा स्थित अपने ससुराल पहुंच गये थे। वहां उन्होंने अर्धरात्रि तक विश्राम किया। फिर भगवान को भाई बहन समेत रथ पर विराजमान कराया गया। सुबह भ्.क्क् बजे से प्रभु भक्तों से मिलने लगे। फिर नौ बजे उन्हें छौंका हुआ मूंग चना, पेड़ा गुड़ व शर्बत बतौर नाश्ता ग्रहण किया। सुगंधित द्रव्य और विविध प्रकार के फूलों और तुलसी दल की माला से भगवान का भव्य श्रृंगार किया गया। भगवान को पहले दिन कोहड़े की सब्जी, पूड़ी का भोग लगाया गया। इसके अलावा प्रभु ने कटहल और आम का अचार व दही का भी स्वाद चखा। इसके बाद दोपहर बाद तीन बजे से भगवान का भक्तों से मिलने का क्रम पुन: शुरू हुआ जो देर रात तक चलता रहा। पूरे दिन रथयात्रा इलाका भगवान के जयघोष से गूंजता रहा।

मेले में खूब रही रौनक

रथयात्रा मेले के पहले दिन ही आराध्य के दर्शन को भारी भीड़ उमड़ी। तीन बजे भगवान के पट खोल दिये गये थे लेकिन धूप के चलते लोगों की संख्या कम रही। शाम ढलने के साथ ही लोगों की संख्या में इजाफा हुआ। मेले में सजी नानखटाई की दुकानों पर खरीदारों की भारी भीड़ दिखी। नानखटाई इस लक्खी मेले की खास विशेषता है। मिट्टी के खिलौनों, घर-गृहस्थी के सामान और चाट-पकौड़ी की दुकानों पर भी खासी चहल पहल रही। बच्चों और महिलाओं की भीड़ चाट की दुकानों पर गोलगप्पे और अन्य स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद लेती दिखी। तरह-तरह के झूलों पर झूल कर लोगों ने खूब आनन्द लिया।

'संकल्प' ने लगाया भगवान को भोग

समाजिक संस्था संकल्प की ओर से भगवान जगन्नाथ को आम, जामुन, अमरूद, केला, व नानखाटई का भोग लगाया गया। इसके बाद भगवान का प्रसाद भक्तों में वितरित किया गया। दूसरे दिन रविवार को भगवान को संकल्प की ओर से मालपुआ, आम, पेठा, बड़हल और जगन्नाथी पान का भोग लगाया जायेगा। इससे पहले प्रसाद वितरण में संकल्प के संरक्षक अनिल कुमार जैन, गीता जैन, गीतिका जैन, वंदना अग्रवाल, लव अग्रवाल, गणेश, अरुण, आदि लोग उपस्थित रहे।