तेजी से थिरकते यंगस्टर्स, रंगीन लाइटस या फिर सजे हुए बीचेज का रंगीन नजारा सब कुछ पर फेक्ट बस एक ही चीज है जो सरप्राइज करती है वह है वहां फैली खामोशी, यही तो कमाल है कि जो गोवा की रेव पार्टियों को डिस्कशन का सब्जेक्ट बना रहा है।

गोवा में रेव पार्टियों के ऑर्गेनाइजरर्स पुलिस रेड से बचने के लिए लेटेस्ट टेकनीक फॉलो कर रहे हैं.  इस टेक्नीक में रेव पार्टियों में बजने वाला लाउड म्यूजिक अब केवल इयरफोन के थ्रू से डीजे सिस्टम से जुड़ा होता है, जिससे बिलकुल न्वॉयज नहीं होता। इस कमाल को एक्जीक्यूट करने में सबसे बड़ी हेल्पर है वाई फाई टेक्नीक।

 गोवा के फेमस  अंजना बीच के हट ओनर इस तरह की पार्टीज को एक डिफरेंट वर्ल्ड बताते हैं जिसमें डांस है, मस्ती है पर म्यूजिक का शोर नहीं है।

 इस नए ट्रेंड की बिगनिंग गोवा के दो क्लबों ने की है। इनमें से एक क्लब गोवा के नार्थ में सिचुएटेड है जबकि दूसरा साउथ गोवा में है.   क्लब ओनर्स का कहना है कि उन्होंने इस तरह की क्वाइट रेव पार्टियां कई बार आर्गनाइज की हैं। इससे पहले इस तरह की पार्टीज न्वाइस पाल्युशन एक्ट के चलते 10 बजे से पहले वाइंड अप करनी पड़ती थीं लेकिन अब ऐसी प्राब्लम्स का सामना नहीं करना पड़ता। beachparty

क्लब मालिकों ने कहा कि इन पार्टियों में मादक पदार्थों का प्रयोग नहीं होता. 

पार्टियां अमूनन अक्टूबर में शुरू होती हैं और नए साल के आने तक चलती हैं। लेकिन अब इसमें थोड़ी फेरबदल कर इसे दिसंबर के मध्य में शुरू किया जा रहा है। ए दिसंबर से शुरू होकर मई तक चलती हैं।

इन पार्टियों को सी बीच पर पीसफुल और प्राइवेसी देने वाले प्लेसेज पर ऑर्गेनाइज किया जाता है।

एक हट ओनर ने बताया कि यहां काफी  साइलेंस होता है और आप सिर्फ लोगों को डांस करते देख सकते हैं. 

इन पार्टीज की पब्लिसिटी इंटरनेट और हैंड आउटस के थ्रू की जाती है। इन को मेनली टूरिस्ट और फारनर्स को डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है। पार्टीज के बहुत पहले से पब्लिसिटी स्टार्ट हो जाती है। काफी पब्लिसिटी वरवली भी हो जाती है।

 ऐसी पार्टी लास्ट टू इयर्स से ज्यादा ऑर्गेनाइज की जा रही है। मेनली इनका ट्रेंड अंजुना और वेगाटोर इरियाज में या फिर  नार्थ में अश्वेम और साउथ में पालोलेम जैसे एरियाज में देखने को मिल रहा है।

स्टेट के पुलिस सुपरिटेंडेंट आदित्य आर्य ने कहा, ‘‘यूं तो उन्हें ऐसी पार्टीज की कोई इनफार्मेशन नहीं है लेकिन अगर ऐसा कुछ हो रहा है तो बेशक उन्हे इसका पता चलना चाहिए हांलाकि अगर इन पार्टीज में रेस्टिक्टेड लिकर्स और ड्रग्स का यूज नहीं हो रहा तो उनको इनसे कोई प्राब्लम नहीं है और पुलिस इन पार्टी पर बैन नहीं लगाएगी।

 गोवा में इस तरह की साइलेंट रेव पार्टियों का ट्रेंड 2006 के करीब शुरू हुआ। पालोलेम में सिचुएटेड नेप्चून प्वाइंट क्लब में हएवरी सेटरडे इस तरह की रेव पार्टीज होती हैं। इस क्लब के ओनर्स का कहना है कि यहां बैन ड्रग्स और लिकर्स का यूज नहीं होता.  इस क्लब के पास 350 हेडफोन हैं और हर हेडफोन की प्राइस 500 रूपए है।

यह है नए दौर की बदलती सोशल लाइफ जो इंज्वॉय करने के लिए मार्डन डे टेक्नॉलिजी के डिफरेंट यूज खोज लेती है और अपनी मस्ती के लिए लेटेस्ट ट्रेंडस बना लेती है।