- बैंकों की मांग का दस प्रतिशत भी कैश नहीं दे रहा आरबीआई

- बैंकों में जमा कम, निकासी हो रही ज्यादा

सुधार की कोई उम्मीद नहीं
कुल मिलाकर हालात अभी सामान्य होते नहीं दिख रहे हैं। करीब 5 महीनों से एटीएम में कैश की ज्यादा ही किल्लत चल रही है। कैश की कमी से स्थिति यह हो गई है कि लोग छोटी-छोटी खरीदारी भी बेहद सतर्क होकर कर रहे हैं। बैंकों को जो पैसा मिल रहा है उसमें वह शाखाओं के बाहर के एटीएम को प्राथमिकता में कैश दे रहे हैं। बाकी जगह पर किसी तरह के सुधार की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।

जहां पैसा वहां भी दिक्कत
कैश की कमी को पूरा करने के लिए शहर के बैंकों को जिस रकम की जरूरत है, आरबीआई से उसका भुगतान नहीं हो पा रहा है। हालांकि बैंक अधिकारी यह बताने से गुरेज कर रहे हैं कि जो कैश मिल रहा है उसे भी केवल शहर के एटीएम में डाला जा रहा है। कम एटीएम में कैश होने के कारण जिनमें होता भी है वहां लोगों की भीड़ लग जा रही है जिससे वह भी जल्दी ही खाली हो जा रहे हैं।

बैंकों में लौट रहा 20 प्रतिशत कैश
लंबे समय से कैश की समस्या के कारण जिन लोगों के पास कैश आ जा रहा है वह जल्दी खर्च नहीं करना चाह रहे हैं। यही कारण है कि बैंकों की शाखाओं से जो कैश खाता धारक निकाल रहे हैं वह फिर से घूम कर बैंकों में नहीं आ रहा है। एसबीआई के डीजीएम एम साद हुसैनी का कहना है कि जो कैश बैंकों से प्रतिदिन निकाले जा रहे हैं उनका केवल 20 प्रतिशत ही वापस आ पा रहा है। जिससे कैश फ्लो साइकिल पूरी नहीं हो पा रही है।

कैशलेस पेमेंट है बढ़ाना
उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के एटीएम में कैश की समस्या सामने आ चुकी है। लेकिन इसके बावजूद समाधान नहीं होने के पीछे सरकार की ओर से कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा दिया माना जा रहा है। एक बैंक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब कैश नहीं होगा तो लोग मजबूरी में कैश ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम के विकल्पों का यूज करेंगे।

कैश की समस्या होने के बावजूद, रेग्युलर कैश डालने का हमेशा प्रयास किया जाता है। कभी-कभी टेक्निकल कारणों से कोई परेशानी हो जाती है।
- संजय कुमार अग्रवाल, डीजीएम, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया

बैंक शाखाओं से कैश ज्यादा मात्रा में निकाले जा रहे हैं। लेकिन उतना कैश आ नहीं पा रहा है। आरबीआई से भी कैश पर्याप्त नहीं मिलने के कारण समस्या हो रही है।
- राकेश कुमार अरोड़ा, डीजीएम, पंजाब नेशनल बैंक