- 2009 की स्कीम काफी समय से कोर्ट में लटकी थी

- केस रिलीज के बाद जल्द शुरू होंगे आवंटन

Meerut : पिछले पांच सालों से अपने प्लॉट की बांट जोह रहे रक्षापुरम फेज-ख् के लोगों के लिए खुशखबरी है। जल्द ही उनके प्लॉट आंवटन हो सकते हैं। वैसे इस स्कीम के आवेदन काफी कम रह गए हैं। अधिकतर लोगों ने प्लॉट सरेंडर ही कर दिए थे, क्योंकि मामला कोर्ट केस में फंस गया था। ऐसे में प्लॉट न मिलने की कोई उम्मीद की किरण नजर नहीं आ रही थी। ऐसे में मामला प्राधिकरण के हक में आने के बाद आवेदकों के चेहरे खिल गए हैं।

पांच साल बाद आया फैसला

प्राधिकरण के अधिकारियों की मानें तो वर्ष ख्009 में आई इस स्कीम इलाहाबाद कोर्ट में रिट दायर कर दी थी। प्राधिकरण को इस स्कीम के खिलाफ पार्टी बनाया गया था कि ये स्कीम गलत तरीके से लाई गई है। कुछ ही दिनों में फैसला प्राधिकरण के पक्ष में आया है। मामला कोर्ट में जाने के बाद वहां पर विकास कार्य बंद हो गया था। अब दोबारा से वहां पर विकास कार्य शुरू हो गया है। अधिकारियों की मानें तो जल्द ही आवेदकों को प्लॉट आवंटन कर दिए जाएंगे।

अधिकतर लोगों ने कर दिए थे सरेंडर कोर्ट में मामला जाने के बाद कई कई आवेदकों ने दो साल बाद ही प्लॉट सरेंडर करने शुरू कर दिए थे। अधिकारियों के अनुसार रक्षापुरम में करीब ख्00 प्लॉट थे। जिनमें से भ्0 फीसदी से अधिक लोगों ने प्लॉट सरेंडर कर दिए थे। अधिकारियों के अनुसार इस स्कीम की पूरी डिटेल निकाली जा रही है।

आठ हजार मीटर लैंड रिफंड

चीफ इंजीनियर आईएस सिंह की मानें तो प्राधिकरण को करीब आठ हजार स्क्वायर मीटर लैंड रिफंड हो गई है। इस पर कोई दूसरी योजना लाई जा सकती है। चीफ इंजीनियर के अनुसार इस लैंड पर एलआईजी फ्लैट बनाए जाएंगे। ताकि अधिक से अधिक लोगों का आशियाने का सपना पूरा हो सके।

फैक्ट एंड फिगर

- वर्ष ख्009 में लाई गई थी प्लॉट स्कीम

- एचआईजी ग्रुप के लिए म्फ् प्लॉट थे।

- एमआईजी ग्रुप के लोगों के लिए क्फ्7 प्लॉट थे।

- भ्0 फीसदी से अधिक लोगों ने कर दिए थे प्लॉट सरेंडर।

- प्लॉट सरेंडर से प्राधिकरण को मिली 8000 स्क्वायर मीटर लैंड रिफंड।

रक्षापुरम में काम तेजी चल रहा है। जो जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। जो आवेदक बचे हैं उन्हें जल्द ही प्लॉट आवंटित किर दिया जाएगा।

- राजेश कुमार यादव, वीसी, एमडीए