नंबर गेम

04 महीने से चल रहा है खेल

250 से 300 वाहनों का हुआ री-रजिस्ट्रेशन

70-80 वाहनों का एक ही पते पर हो रहा री-रजिस्ट्रेशन

-मनमानी पर उतरा आरटीओ कार्यालय, बिना फिजिकल वेरिफिकेशन एलपीजी टैंकर का हो रहा री-रजिस्ट्रेशन

-सुरक्षा मानकों का नहीं हो रहा पालन, इलाहाबाद बल्क एलपीजी ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन ने शासन से की शिकायत

ALLAHABAD: एलपीजी टैंकर्स के री-रजिस्ट्रेशन में आरटीओ कार्यालय मनमानी पर उतर आया है। इन वाहनों का बिना फिजिकल वेरिफिकेशन री-रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। इसकी शिकायत इलाहाबाद के ट्रांसपोर्टर्स ने शासन और आरटीओ प्रशासन से की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सुरक्षा मानकों से यह खिलवाड़ भविष्य में बड़ी मुसीबत पैदा कर सकता है। साथ ही ट्रांसपोर्टर्स को इससे बड़े नुकसान की आशंका भी सताने लगी है।

चार माह में तीन सौ री रजिस्ट्रेशन

-पिछले चार माह में आरटीओ कार्यालय में ढाई से तीन सौ वाहनों का री रजिस्ट्रेशन किया गया।

-यह एलपीजी टैंकर्स उस समय कार्यालय में मौजूद नहीं थे, जिससे उनका फिजिकल वेरिफिकेशन नहीं किया गया।

-बावजूद इसके उनको यूपी का नंबर जारी कर दिया गया।

-सोर्सेज का कहना है कि मिंटो रोड और हंडिया के एक मकान के पते पर फर्जी तरीके से दर्जनों एलपीजी टैंकर्स का री रजिस्ट्रेशन कराया गया है।

-इसकी जानकारी होने के बावजूद आरटीओ विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की।

यूपी वालों का हक मारना चाहते हैं बाहरी ट्रांसपोर्टर्स

दरअसल, बीस अप्रैल को ऑल इंडिया एलपीजी ट्रांसपोर्टेशन का टेंडर होने जा रहा है। पहली बार यह स्टेट वाइज होगा। केंद्र सरकार द्वारा स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम व स्वरोजगार योजना के तहत इस बार उत्तर प्रदेश के रजिस्टर्ड टैंकरों को टेंडर में प्राथमिकता दी जाएगी। यही कारण है कि महाराष्ट्र, गुजरात और एमपी के ट्रांसपोर्टर्स आरटीओ कार्यालय में फर्जी तरीके से अपने वाहनों का री-रजिस्ट्रेशन कराने में लगे हैं। यहां तक कि एक ही पते पर अलग-अलग नामों से 70 से 80 वाहनों का री-रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है। जबकि इन वाहनों का फिजिकल वेरिफिकेशन तक नहीं होता।

फिर भी नहीं मान रहे कर्मचारी-अधिकारी

अपनी समस्या को लेकर उप्र एलपीजी ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन और इलाहाबाद बल्क एलपीजी ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन के सदस्यों ने एक माह पहले राज्यमंत्री परिवहन स्वतंत्र देव सिंह को ज्ञापन भी सौंपा था। उन्होंने शिकायत के आधार पर स्थानीय आरटीओ को बिना वेरिफिकेशन किए वाहनों का री-रजिस्ट्रेशन करने से मना किया था। फिर भी अधिकारियों व कर्मचारियों की मनमानी जारी है। इस बाबत पूछने पर अधिकारी गोलमोल जवाब दे रहे हैं।

कॉलिंग

एक ही पते पर 80 गाडि़यों का रजिस्ट्रेशन किया जाता है और जिन नामों से होता है वह वहां रहते ही नही हैं। इस तरह का फर्जीवाड़ा चल रहा है। इससे यूपी के ट्रांसपोर्टर का नुकसान हो रहा है।

-शशांक वत्स, एलपीजी ट्रांसपोर्टर

वाहनों का भौतिक सत्यापन नहीं करके नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। बता दें कि इलाहाबाद का एलपीजी प्लांट संवेदनशील प्लांटों की श्रेणी में आता है। ऐसे में यह सुरक्षा मानकों का उल्लंघन है।

-पुष्पेंद्र सिंह, एलपीजी ट्रांसपोर्टर

केंद्र सरकार की मंशा के विपरीत दूसरे प्रदेशों के एलपीजी टैंकर्स का बिना फिजिकल वेरिफिकेशन कर री-रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। इससे लोकल ट्रांसपोर्टर्स का जबरदस्त नुकसान हो रहा है।

-शलभ श्रीवास्तव, एलपीजी ट्रांसपोर्टर

जो वाहन यहां है नहीं उसका री-रजिस्ट्रेशन कैसे किया जा रहा है। यह बड़ा सवाल है। जबकि नियमानुसार वाहन का आरटीओ ऑफिस में होना जरूरी है।

-अजय सिंह, एलपीजी ट्रांसपोर्टर

टैंकरों का फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद ही उसका री-रजिस्ट्रेशन किया जाता है। वेरिफिकेशन आरआई द्वारा किया जाता है। उन्होंने ओके किया है तो जरूर वाहनों को चेक किया होगा।

-सगीर अहमद अंसारी, आरटीओ, इलाहाबाद