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PATNA : देश विदेश में सुपर 30 का बड़ा नाम है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाला कोई भी ऐसा स्टूडेंट ऐसा नहीं होगा जो इसे नहीं जानता हो। पटना से देश में अलग पहचान बनाने वाले इस सुपर संस्थान को जब राजधानी में ढूंढ़ने की कोशिश की गई तो बड़ा खेल सामने आया। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट आज बताने जा रहा है सुपर 30 का बड़ा सच।

रामानुजम में होता है एडमिशन

बाहर से आने वाले स्टूडेंट्स सुपर 30 में सेलेक्ट होकर आईआईटी में दाखिला को लेकर काफी उत्साहित होते हैं। लेकिन जब वह पटना में सेंटर पहुंचते हैं तो उन्हें रामानुजम क्लासेस में एडमिशन यह कहकर कराया जाता है कि इसमें से ही सुपर 30 के लिए सेलेक्शन किया जाता है। रामानुजम क्लासेस में एडमिशन के लिए 28 हजार के साथ 5040 जीएसटी के रूप में लिया जाता है। रसीद भी एडुलिट सॉल्यूशन ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड की दी जाती है। सुपर 30 और रामानुजम क्लासेस और फिर रसीद कोई और कंपनी की देख अधिकतर स्टूडेंट्स कंफ्यूजन में रहते हैं।

ऐसा था सुपर 30 का नजारा

रिपोर्टर जब सुपर 30 का ऑफिस तलाशते वहां पहुंचा तो आस पास कई स्टूडेंट्स नजर आए। सेंटर के सामने एक लाइन से कई हॉस्टल मिले जिसके बारे में बताया गया रामानुजम क्लासेस में पढ़ने वाले अधिकतर स्टूडेंट्स यहां रहते हैं। लोहे के बड़े और पुराने गेट के आधे खुले दरवाजे से जब अंदर गए तो देख एक दो स्टूडेंट आ जा रहे थे। रिसेप्शन पर रखी कुर्सियां भी खाली पड़ी थी। थोड़ी ही दूर पर एक और बड़ा लोहे का गेट मिला। इस गेट से जब अंदर गए तो टीन शेड में तीन बड़े बड़े क्लास रूम बने हैं। दो में एग्जाम चल रहा था। एग्जाम भी पूरी तरह से मजाक जैसा था। कोई टीचर नहीं था। उधर स्टूडेंट्स क्लास में पैर पसार कर टेस्ट देते हुए नजर आएं।

हर साल एक करोड़ की कमाई

- रामानुजम क्लासेस में एडमिशन लेने के लिए एक साल की फीस 33,040 रुपए ली जाती है।

- हर साल लगभग 400 स्टूडेंट्स सुपर 30 के नाम पर रामानुजम क्लासेस में पढ़ते हैं।

- इस तरह 400 स्टूडेंट्स से हर साल 1 करोड़ 32 लाख 16 हजार रुपए की कमाई होती है।

एक पिता की आपबीती

मेरा सपना था कि मेरा बेटा आनंद कुमार से पढ़े। मैंने सुपर 30 की वेबसाइट से नंबर लेकर जब कॉल किया तो मुझे कुम्हरार बुलाया गया। यहां आकर पता चला कि पहले एडमिशन रामानुजम स्कूल ऑफ मैथेमैटिक्स में लेना होगा। शुरुआत में कहा गया कि 200 बच्चे एक क्लास में होंगे। सुपर 30 में चयन अगले साल होगा। इस साल 33040 फी देना होगा, अगले साल फिर टेस्ट लेकर फ्री में पढ़ाया जाएगा। आनंद सर का अपना हॉस्टल है कहकर शिवशक्ति बॉयज हॉस्टल जो कि जितेंद्र कुमार का है उसमें दाखिला करवा दिया गया। क्लास स्टार्ट होते ही सब बातें झूठ सामने आने लगी। क्लास में 200 की जगह 500 बच्चे थे, हॉस्टल में 10म10 कमरे में दो की जगह चार बेड लग गए।

- आशीष, अभिभावक, हरियाणा