'खेल' में टीचर्स की भी खूब चलती है। अगर टीचर्स को किसी पब्लिशर्स के बुक्स को प्रमोट करना होता है, तो वे स्टूडेंटस पर दबाव बनाते हैं। क्लास में टीचर्स उसी बुक्स से पढ़ाते व होमवर्क देते हैं, जिसे प्रमोट करना होता है। ऐसे में स्टूडेंट्स के पास उस बुक को पढऩे के अलावा कोई ऑप्शन भी नहीं बचता. 

बुक अनेक, दुकान एक
हर स्कूल की सभी किताबें किसी एक दुकान से ही मिलती हैं। एग्जाम के  बाद स्कूलों की ओर स्टूडेंट्स को बुक्स की लिस्ट और दुकान का नाम थमा दिया जाता है। कहा जाता है कि सभी चीजें उसी दुकान से खरीदी जाएं। इसके बाद श्ुारू होती है स्कूल और दुकान वालों की मिली-भगत। एनसीईआरटी की 50 रुपए की किताब स्कूल के उस पार्टिकुलर दुकान में लगभग 70 रुपए में मिलती है।

जैसा स्कूल का 'हिंट', वैसा कॉपी पर 'प्रिंट'
यह इंटरनेशनल स्कूल की कॉपी है। आप इसे खरीदते हैं, तो आपको 180 पेज की कॉपी के लिए 30 रुपए देेने पड़ेंगे। सेंट डॉमिनिक सोवियोज स्कूल का नाम लिखा हुआ नोट बुक लेते है, तो 180 पेज के इस नोटबुक के लिए आपको 27 रुपए देने होंगे। वहीं, अगर डीएवी स्कूल के लिए नोटबुक लेते हैं, तो आपको 29 रुपए देने पड़ेंगे। मतलब, एक ही नोटबुक, एक ही दुकान, पर दाम अलग-अलग। इससे अंजान गार्जियन दुकान पर जाते हैं और संबंधित स्कूल की कॉपी खरीद कर आ जाते हैं।

हर स्कूल के लिए अलग काउंटर
हर दुकान पर बुक्स और कॉपी के लिए अलग-अलग काउंटर लगे होते हैं। गार्जियन बुक्स और कॉपी लेने जाते हैं, तो पहले उनसे स्कूल का नाम पूछा जाता है। स्कूल का नाम जानने के बाद गार्जियन को उस स्कूल के काउंटर पर भेज दिया जाता है। काउंटर पर स्कूल द्वारा दी लिस्ट पहले से ही जमा होती है। काउंटर पर क्लास का नाम पूछा जाता है और उसी के अनुसार बुक्स दे दिया जाता है। कौन से बुक के साथ कौन-सी कॉपी चाहिए, यह भी दुकान वालों को पता होता है।

15-20 के बदले 30 रुपए में
बाजार में 15 से 20 रुपए में मिलने वाली कॉपी स्कूल द्वारा निर्धारित दुकानों में 30 रुपए से ज्यादा में ही मिलती हैं। इस संंबंध में डे्रस गंगा दुकान के मैनेजर पंकज ने बताया कि हर स्कूलों का प्राइस अलग-अलग है। स्कूल जितना पैसा देता है, हम उसी के अनुसार कॉपी पर प्राइस को लगा देते हैं। इस कारण हर स्कूल की कॉपी के प्राइस अलग-अलग होते हैं।

ड्रेस के भी बढ़े रेट
बुक्स और कॉपी के बाद स्टूडेंट्स की बड़ी जरूरत होती है डे्रस। इसमें भी गार्जियन खूब ठगे जाते हैं। एक साथ शर्ट, पैंट या स्कर्ट, टाई, बेल्ट, शॉक्स सबकुछ खरीदना पड़ता है। ये सब जहां 300 से 700 रुपए तक में हो जाता था, वहीं अब इसके लिए 2-2 हजार रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। इस संबंध में नॉट्रेडेम एकेडमी के क्लास 4 में पढ़ रही शिवानी की मम्मी अभिनीत बताती हैं कि हर साल स्कूल की डिमांड न्यू डे्रस की होती है। ऐसे में हर साल हमें नई डे्रस खरीदनी होती है। पिछले साल तो प्राइस ठीक था, पर इस बार हर चीज पर लगभग 200 से 300 रुपए बढ़ गया है।

The 'ulat-fer'
स्कूल  - इंटनेशनल स्कूल
कॉपी में पेज की संख्या  - 180
प्राइस  - 30 रूपया

स्कूल  - बाल्डविन एकेडमी
कॉपी में पेज की संख्या  - 180
प्राइस  - 25 रूपया

स्कूल  - डीपीएस
कॉपी में पेज की संख्या  - 180
प्राइस  - 35 रूपया

स्कूल  - केन्द्रीय विद्यालय
कॉपी में पेज की संख्या  - 180
प्राइस  -  20 रूपया

स्कूल  - सेंट कैंरेंस हाई स्कूल
कॉपी में पेज की संख्या  - 180
प्राइस  - 17 रूपया

स्कूल की 'अपनी-अपनी' दुकानें
डीपीएस  -
विद्यार्थी इंटरप्राइजेज
सेंट कैरेंस हाई स्कूल, सेंट डॉमिनिक सोवियोज हाई स्कूल, डीएवी, सेंट पॉल्स एकेडमी  - डे्रस गंगा
केन्द्रीय विद्यालय, डॉन बॉस्को, नॉट्रेडेम एकेडमी, रेडियेंट इंटरनेशनल हाई स्कूल, होली मिशन, सेंट जोसफ कांवेंट हाई स्कूल, बाल्डविन एकेडमी  -  आकाश गंगा
इंटरेनशनल स्कूल, ईशान इंटरनेशनल, ज्ञान निकेतन - ज्ञान गंगा