हम तैयार हैं

Allahabad: इंटर की स्टूडेंट श्रद्धा का कांफिडेंस लेवल संडे को हाई था। अब वह पूरी तरह से तैयार थी। जैसे ही उसका नंबर आया। वह फ्रंट पर आ गई। बस एक किक मारा और लकड़ी का तख्ता दो टुकड़े में बंट गया। यह देख उसके पिता भी दंग रह गए। जो लड़की कल तक डर के मारे घर से अकेली नहीं निकलती थी वह आज कुछ दिनों की ट्रेनिंग में ही इतनी सख्त हो गई। ये केवल श्रद्धा की ही बात नहीं थी बल्कि पुलिस लाइंस में सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग ले रहीं दर्जनों गल्र्स अब हर मुश्किल में चट्टान बनने को तैयार थीं.

संडे को पहला एग्जाम
 मई से स्टार्ट हुए इस ट्रेनिंग में बाक्सिंग, पंचिंग और फिजिकली टें्रड होने के लिए एक्साइज कराया जा रहा है। इस ट्रेनिंग में संडे को पहला एग्जाम था। वैसे तो ट्रेनिंग में मार्निंग और इवीनिंग का दो बैच चलता है लेकिन एग्जाम के दौरान दोनों बैच को एक साथ इवनिंग में बुलाया गया था.

क्या-क्या सीखा सबने 
गल्र्स को ट्रेनिंग दे रहे कोच ने एग्जाम देने पहुंची कुल 50 गल्र्स को एक-एक फार्म भरवाया। फिर एक-एक गर्ल को बुला बुलाकर फ्रंट पर एक्साइज और किक मारने की तरीके के बारे में डेमांस्ट्रेशन करने के लिए कहा गया। फिर उनकी मार्किंग शुरू की। इसमें गल्र्स का आत्मविश्वास और उनका हौसला देखने लायक था. 

आपस में हुई fight 
चूकी ये पहला एग्जाम था। इसलिए ट्रेंड गल्र्स से फाइट की जगह उनको आपस में भी फाइट कराया गया। इस दौरान गल्र्स को अपनी प्रतिभा दिखाने का भी मौका दिया गया। गल्र्स को एक किक में लकड़ी की तख्ती और पंचिंग पर किक मारना था। ज्यादातर गल्र्स ने लकड़ी का तख्ता किक मारकर तोड़ दिया। फील्ड में बैठे उनके पैरेंट्स और फ्रेंड की तालियां उनका हौसला बुलंद करने में मदद कर रही थीं. 

ताकि चोट भी न लगे
हाई स्कूल और इंटर की छात्राएं कविता, कर्णिंका, रंजीता, निवेदिता, ज्योत्सना और कल्पना सभी गल्र्स ने आपस में फाइट की। इस फाइट के पीछे मकसद उन्हें बाक्सर बनाना नहीं था। बल्कि विषम परिस्थितियों में खुद को साबित करना है। अगर कोई ऐसी कंडीशन आ जाए कि उनके पास फाइट के सिवाय और कोई आप्शन न हो तो वे आसानी ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर खुद को सेफ कर सकें। जून के लास्ट में समापन समारोह के पहले गल्र्स इतनी ट्रेंड हो जाएंगी कि इसके बाद उन्हें किसी ट्रेनिंग की जरूरत नहीं होगी. 

संडे को पहला एग्जाम

 मई से स्टार्ट हुए इस ट्रेनिंग में बाक्सिंग, पंचिंग और फिजिकली टें्रड होने के लिए एक्साइज कराया जा रहा है। इस ट्रेनिंग में संडे को पहला एग्जाम था। वैसे तो ट्रेनिंग में मार्निंग और इवीनिंग का दो बैच चलता है लेकिन एग्जाम के दौरान दोनों बैच को एक साथ इवनिंग में बुलाया गया था।

क्या-क्या सीखा सबने 

गल्र्स को ट्रेनिंग दे रहे कोच ने एग्जाम देने पहुंची कुल 50 गल्र्स को एक-एक फार्म भरवाया। फिर एक-एक गर्ल को बुला बुलाकर फ्रंट पर एक्साइज और किक मारने की तरीके के बारे में डेमांस्ट्रेशन करने के लिए कहा गया। फिर उनकी मार्किंग शुरू की। इसमें गल्र्स का आत्मविश्वास और उनका हौसला देखने लायक था. 

आपस में हुई fight 

चूकी ये पहला एग्जाम था। इसलिए ट्रेंड गल्र्स से फाइट की जगह उनको आपस में भी फाइट कराया गया। इस दौरान गल्र्स को अपनी प्रतिभा दिखाने का भी मौका दिया गया। गल्र्स को एक किक में लकड़ी की तख्ती और पंचिंग पर किक मारना था। ज्यादातर गल्र्स ने लकड़ी का तख्ता किक मारकर तोड़ दिया। फील्ड में बैठे उनके पैरेंट्स और फ्रेंड की तालियां उनका हौसला बुलंद करने में मदद कर रही थीं. 

ताकि चोट भी न लगे

हाई स्कूल और इंटर की छात्राएं कविता, कर्णिंका, रंजीता, निवेदिता, ज्योत्सना और कल्पना सभी गल्र्स ने आपस में फाइट की। इस फाइट के पीछे मकसद उन्हें बाक्सर बनाना नहीं था। बल्कि विषम परिस्थितियों में खुद को साबित करना है। अगर कोई ऐसी कंडीशन आ जाए कि उनके पास फाइट के सिवाय और कोई आप्शन न हो तो वे आसानी ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर खुद को सेफ कर सकें। जून के लास्ट में समापन समारोह के पहले गल्र्स इतनी ट्रेंड हो जाएंगी कि इसके बाद उन्हें किसी ट्रेनिंग की जरूरत नहीं होगी.