JAMSHEDPUR: रीयल इस्टेट रेगुलेशन एक्ट (रेरा) का जो भय बिल्डरों को सता रहा था, वह फिलहाल टल गया है। झारखंड सरकार ने इसे एक माह के लिए बढ़ा दिया है, लिहाजा अब बिल्डर रेरा एक्ट के तहत फ्क् अगस्त तक निबंधन करा सकते हैं।

नगर विकास एवं आवास विभाग के अधीन झारखंड रीयल इस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी ने इससे पहले ख्7 जुलाई को आदेश जारी किया था, जिसमें फ्क् जुलाई तक सभी बिल्डरों को निबंधन कराना था। इसमें यह प्रावधान था कि बिना निबंधन के बनने वाले भवन को सील कर दिया जाएगा। भले ही अभी मोहलत मिल गई हो, लेकिन बिल्डर्स एसोसिएशन ने सरकार से आग्रह किया है कि अध्यादेश लागू होने से पहले के भवनों को इससे मुक्त रखा जाए।

कई तरह की बंदिश

एसोसिएशन के चेयरमैन कौशल सिंह ने कहा कि कुछ राज्यों में यह प्रावधान लागू किया गया है, जबकि कई राज्यों में इस पर निर्णय नहीं लिया गया है। इस अधिनियम में ग्राहक को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं, जबकि बिल्डरों पर कई तरह की बंदिश लगाई गई है। इसके तहत बिल्डर जिस भवन के लिए ग्राहक से पैसे लेंगे, उसे दूसरे प्रोजेक्ट में नहीं लगा सकेंगे। एसोसिएशन के पूर्व चेयरमैन शिबू बर्मन ने बताया कि फिलहाल शहर में करीब क्00 प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिसमें एक-एक प्रोजेक्ट में औसतन पांच-छह बिल्डिंग हैं। यह अच्छा हुआ कि राज्य सरकार ने इसे एक माह के लिए टाल दिया गया, वरना बिल्डरों को चार-पांच सौ करोड़ रुपये का नुकसान हो जाता।

इस अधिनियम में ग्राहक को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं, जबकि बिल्डरों पर कई तरह की बंदिश लगाई गई है। इसके तहत बिल्डर जिस भवन के लिए ग्राहक से पैसे लेंगे, उसे दूसरे प्रोजेक्ट में नहीं लगा सकेंगे।

-कौशल सिंह, चेयरमैन, बिल्डर्स एसोसिएशन, जमशेदपुर