वर्किंग यूथ का खास इम्तेहान

इस रोजे यूं तो सभी का कड़ा इम्तेहान होगा लेकिन इसमें खासतौर पर बुजुर्गों और वर्किंग यूथ का इम्तेहान होगा। दिनभर मार्केट में दौड़ लगाने वाले सिटी के यूथ को इस उमस भरी गर्मी में अपना रोजा पूरा करना है। लास्ट इयर मौसम कुछ बेहतर हो जाने की वजह से रोजे आसानी से गुजर गए थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से मौसम के मिजाज को देखते हुए इस बार का रोजा काफी मुश्किल लग रहा है, लेकिन अल्लाह को खुश करना है और अपनी मगफिरत करानी है तो इसके लिए थोड़ा बहुत कुर्बानी तो देनी ही होगी।

मंथ में सिर्फ 35 मिनट होगा कम

रोजे के दौरान फजर की आजान से लेकर मगरिब की आजान होने तक मुस्लिम कम्युनिटी के लोग कुछ खाते-पीते नहीं है। इस बार के 30 रोजे में पहले और आखिर रोजे में महज 35 मिनट कम होगा। इस साल का सबसे बड़ा रोजे का दिन होगा, जो 15 घंटे 29 मिनट का होगा, वहीं सबसे छोटा रोजा 14 घंटे 54 मिनट का होगा। वहीं 15वें रोजे को यानि कि रोजे के बीचों बीच में दिन भर रहने वाले रोजे की टाइमिंग 15 घंटे 16 मिनट होगी।