- दीवानी कचहरी के पांचों मेन गेट्स पर नहीं है सुरक्षा के कोई इंतजाम

- आसानी से कोई भी कर सकता है प्रवेश

GORAKHPUR: बिहार के छपरा सिविल कोर्ट में जिस तरह से धमाके हुए, उससे तो स्पष्ट है कि वहां की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त रही होगी। इसी क्रम में आई नेक्स्ट ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मंगलवार को गोरखपुर सिविल कोर्ट का रियलिटी चेक किया। इस दौरान सुरक्षा के प्रशासनिक दावों का जो नजारा सामने आया वो चौंकाने वाला था।

सीन - 1

टाइम - दोपहर 12.00 बजे

प्लेस - कचहरी का मुख्य गेट

नजारा - आई नेक्स्ट रिपोर्टर कचहरी के मुख्य गेट पर पहुंचे। वे करीब आधे घंटे तक मेन गेट पर बैठे रहे। इस दौरान मेन गेट बंद जरूर रहा, लेकिन पैदल आने जाने वालों से किसी प्रकार की कोई पूछताछ नहीं हो रही थी। जबकि रिपोर्टर ने आसपास के लोगों से पूछा भी कि क्या गेट पर चेकिंग नहीं होती। इस पर लोगों ने बताया कि मेन गेट बंद रहता है, लेकिन भीतर प्रवेश को लेकर किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं है।

सीन -2

टाइम - दोपहर 12.30 बजे

प्लेस - उत्तरी गेट (कमिश्नरी ऑफिस को दीवानी कचहरी से जोड़ने वाला गेट)

नजारा- आई नेक्स्ट रिपोर्टर जब कमिश्नरी ऑफिस होते हुए सिविल कोर्ट के दक्षिणी गेट के रास्ते भीतर पहुंचे तो किसी प्रकार की कोई रोक टोक नहीं हुई। हर कोई आसानी से इस गेट के रास्ते भीतर प्रवेश करते देखा गया।

सीन - 3

टाइम - दोपहर 1.00 बजे

प्लेस - दक्षिणी गेट (कैंट रोड)

नजारा - कचहरी के उत्तरी गेट पर पहुंचने पर आई नेक्स्ट रिपोर्टर को वहां भी कोई सिक्योरिटी गार्ड या पुलिस कर्मी नजर नहीं आया। इस गेट से भी आसानी से कोई भी भीतर प्रवेश कर सकता था। वर्दी में एक होमगार्ड दिखाई भी दिया तो केवल गेट से बाहर निकलते हुए।

सीन - 4

टाइम- दोपहर 1.30 बजे

प्लेस - दक्षिणी आईजी ऑफिस गेट

नजारा - एक तरफ जहां आईजी ऑफिस का गेट है। वहीं बगल में कचहरी का उत्तरी गेट बनाया गया है। आई नेक्स्ट रिपोर्टर जब यहां पहुंचे तो इस गेट पर कोई भी पुलिस कर्मी या होमगार्ड तैनात नजर नहीं आया। हालांकि गेट बंद था, लेकिन लोग मिनी गेट से बिना किसी चेकिंग के आ रहे थे।

छपरा कोर्ट में हुआ था ब्लास्ट

सोमवार सुबह छपरा सिविल कोर्ट में हुए बम धमाके से पूरा कोर्ट परिसर थर्रा उठा था। करीब 8.45 बजे खुशबू नाम की युवती ने आत्मघाती धमाका किया। इस घटना में युवती सहित पांच लोग जख्मी हो गए। ब्लास्ट की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस के सभी आला अधिकारी पहुंच गए। फौरन एंबुलेंस बुलाकर सभी घायलों को अस्पताल भेजा गया। घटना स्थल की घेराबंदी कर पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई।

केवल वाहनों पर है रोक

दीवानी कचहरी के पांच मुख्य गेटों पर केवल वाहनों के प्रवेश पर रोक है। यहां सुबह 11.30 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक वाहनों का प्रवेश वर्जित है। लेकिन, पैदल आने-जाने वाले बिना किसी सुरक्षा जांच के ही पूरे दिन यहां से गुजरते रहते हैं। इस संबंध में बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट के मंत्री जितेंद्र धर दुबे ने कहा कि कचहरी और कोर्ट परिसर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम होने चाहिए। यहां तक कि बाहर से आने वाले पुलिस अफसरों से भी प्रवेश से पहले उनके हथियार जमा करवाए जाने चाहिए। उन्होंने बताया कि ये सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि शस्त्र के साथ कचहरी परिसर में किसी को प्रवेश ना दिया जाए।

बॉक्स

महज 3-4 सिपाही होते हैं तैनात

एडवोकेट दिलशाद परवेज ने बताया कि यहां कुल 26 कोर्ट हैं। इनमें से लगभग 31 न्यायिक मजिस्ट्रेट के हैं। इन सभी के भीतर कोर्ट नाजिर रहते हैं। इतने सारे अफसरों की सुरक्षा में हर कोर्ट पर महज 3-4 पुलिस कर्मियों की ही ड्यूटी लगाई जाती है। वे भी सिर्फ कोर्ट की कार्यवाही के लिए तैनात होते हैं। पब्लिक से उनका कोई लेना देना नहीं होता।

छपरा कोर्ट में जिस तरह से बम ब्लास्ट हुआ, उसने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी। कचहरी कैंपस से लगाए कोर्ट परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। गोरखपुर सिविल कोर्ट में भी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं जो कि चिंता का विषय है।

अवधेश यादव, एडवोकेट

हजारों वकील सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं। कचहरी में प्रवेश के लिए पांच एंट्री गेट हैं। लेकिन किसी भी गेट पर भीतर प्रवेश करने वालों की कोई चेकिंग नहीं होती है। सुरक्षा के लिहाज से ये सही नहीं है।

दिलशाद परवेज, एडवोकेट

कचहरी की सुरक्षा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। छपरा कोर्ट में अगर ऐसी घटना हो सकती है तो फिर सुरक्षा व्यवस्था का यहां तो और भी बुरा हाल है। इसलिए हर मुख्य द्वार पर सुरक्षा कर्मी के साथ-साथ डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर लगा होना चाहिए।

राजेश यादव, एडवोकेट

सिविल कोर्ट में सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। सभी एंट्री गेटों पर प्रॉपर चेकिंग होनी चाहिए ताकि छपरा कोर्ट जैसी घटना यहां न हो सके।

जितेंद्र धर दुबे, मंत्री, बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट, गोरखपुर