BAREILLY:

योगी सरकार बनने के बाद भले ही प्रदेश में बदलाव का नया दौर शुरू हो गया हो। शासन से लेकर प्रशासन तक चुस्त व्यवस्था की उम्मीद भी जग गई हो, लेकिन बदलाव की इस बयार से समय पर पहुंचने के मामले में सरकारी विभाग अछूते ही रहे हैं। विभागों में सरकारी कर्मचारियों के पहुंचने का समय अब भी पुरानी आदतों का गुलाम बना हुआ है। सरकारी कर्मचारी पहले की तरह ही आराम फरमाते हुए ऑफिस पहुंच रहे हैं। हालांकि, सीएम के सख्त निर्देशों को फॉलो करने में आला अधिकारियों ने अपना दामन साफ रखा है,

लेकिन छोटे अधिकारी और बाबू-कर्मचारी सीएम के सख्त तेवरों की अनदेखी करने से नहीं हिचक रहे। यह आरामतलबी परखने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने मंडे को कलेक्ट्रेट, विकास भवन, एसएसपी ऑफिस और बिजली विभाग सहित अन्य सरकारी विभागों में रियलिटी चेक किया, जिसमें यह हकीकत उजागर हुई।

बाबू लापता, चीफ इंजीनियर भी गायब

सर्किट हाउस चौराहा स्थित बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर ऑफिस का हाल बुरा रहा। चीफ इंजीनियर राजकुमार अग्रवाल से लेकर बाबू व अन्य कर्मचारी सब नदारद दिखे। सुबह क्0.क्भ् बजे तक भी चीफ इंजीनियर ऑफिस नहीं पहुंच सके। जबकि, चीफ ऑफिस के गेट के बाहर क्0 से क्ख् बजे के बीच पब्लिक से मिलने का समय भी लिखा हुआ है। जब टीम सामान्य अनुभाग सेक्शन में पहुंची तो यहां पर सिर्फ तीन कर्मचारी मौजूद दिखे। जबकि, इस सेक्शन में क्0 कर्मचारियों की ड्यूटी है। सामान्य अनुभाग में अखर हुसैन कादरी, आनंद सिंह और असदाना खानम सुबह क्0 बजे तक पहुंच गये थे। वहीं नवीन मोहन पांडेय, सुनील मोहन, अनिता भटनागर, वसुंधरा राघव, विपिन कुमार भारती, कुलदीप कुमार और ममता शर्मा इस दौरान लापता दिखे।

कर्मचारी गायब, कंज्यूमर्स परेशान

चीफ इंजीनियर के ऑफिस जैसा ही हाल सर्किट हाउस के सामने स्थित ग्रामीण क्षेत्र के बिजली बिल कलेक्शन सेंटर का भी रहा। यहां तीनों काउंटर से कर्मचारी नदारद रहे। इसके चलते भोजीपुरा, रिठौरा सहित अन्य जगहों से पहुंचे कंज्यूमर्स बिजली बिल जमा करने के लिए कर्मचारियों के आने का इंतजार करते रहे। सुबह क्0.ख्0 बजे तक कोई कर्मचारी कलेक्शन सेंटर पर नहीं पहुंचा। वहीं एक्सईएन लोकेश चंद्र भी अपनी सीट पर मौजूद नहीं दिखे। बिना कर्मचारियों के ऑफिस में लाइट व फैन बेवजह चल रहे थे। वहीं कंज्यूमर्स अपना काम कराने के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर थे।

बिजली बिल जमा करने आया था लेकिन बिल जमा करने वाले कर्मचारी अभी तक आये ही नहीं।

जावेर खान, भोजीपुरा

इतनी दूर से शहर आने के बाद पता चलता है कि कर्मचारी आये ही नहीं है। इससे समय और पैसे की बर्बादी होती है।

रजी अहमद, रिठौरा

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ठीक क्0 बजे पहुंचे डीएम

ऑफिस में समय पर पहुंचने के मामले में जिले के मुखिया ने सभी विभागों के सामने नजीर पेश की। डीएम सुरेंद्र सिंह रोजाना ऑफिस समय पर पहुंचते हैं। मंडे सुबह क्0 बजे से ठीक एक मिनट पहले ही ऑफिस पहुंच गए। वहीं डीएम से कुछ मिनट पहले ही एडीएम फाइनेंस मनोज कुमार भी अपने ऑफिस में एंट्री ले चुके थे। इसके अलावा एडीएम ई एसपी सिंह भी समय पर ऑफिस पहुंच गए। अधिकारियों से पहले डीएम ऑफिस के बाबू भी पहुंच चुके थे। वहीं डीएम का स्टॉफ भी ऑफिस में मौजूद रहा। डीएम सुरेंद्र सिंह ने कहा कि वह हमेशा ही समय पर आते हैं और उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी व कर्मचारी भी समय पर ऑफिस पहुंचे।

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गाड़ी खराब, लेट पहुंची डीपीओ

सुबह करीब क्0:ख्0 मिनट पर विकास भवन का रियलिटी चेक किया गया तो डीपीओ बुद्धि मिश्रा की सीट खाली मिली। ऑफिस में बिजली और फैन ऑन था। जब कर्मचारियों से बात की तो पता चला कि मैडम तो आने वाली है, लेकिन उनको जो गाड़ी लेने जाती है वह स्टार्ट नहीं हो रही है। जिससे मैडम को आफिस आने में देर हो गई। इसी बीच कर्मचरियों ने फोन पर बुद्धि मिश्रा को सूचना दी, सूचना मिलते ही डीपीओ करीब क्0:ख्भ् बजे ऑफिस पहुंच गई। वहीं विकास भवन में इंजीनियर मोहम्मद अकरम की सीट भी क्0:फ्0 बजे तक खाली मिली। जानकारी करने पर बताया गया कि इंजीनियर साहब मीटिंग में गए हुए हैं। ऑफिस में फोटो क्लिक होते देख कई कर्मचारी तो अपने साथियों को जल्द आने के लिए फोन करने में लग गए।

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