क्या स्टूडेंट्स ठीक से पढ़ाई नहीं कर रहे हैं? या फिर स्टूडेंट्स को ठीक से पढ़ाया नहीं जा रहा है? या फिर कुछ और। स्टूडेंट्स के फेल होने पर ये भी आरोप लग रहा है कि एक जातिवर्ग के स्टूडेंट्स को जानबूझकर फेल किया जा रहा है लेकिन आई नेक्स्ट इसकी डिटेल में नहीं जाना चाहता है। हम तो एक ही बात कर रहे हैं कि आखिर मेडिकल कॉलेज का रिजल्ट खराब क्यों होता जा रहा है।

मेडिकल कॉलेज में पिछले साल 12 स्टूडेंट्स फेल हुए थे। इस बार 30 स्टूडेंट्स फिर फेल हो गए हैं। लगातार मेडिकल कॉलेज का रिजल्ट गिरने की पीछे कई वजह सामने आईं हैं, इनमें एक है फैकल्टी की कमी। मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी मेंबर्स 168 हैं जबकि 194 होने चाहिए। जब टीचर नहीं होंगे तो स्टूडेंट्स को कौन पढ़ाएगा। जब स्टूडेंट्स पढ़ेंगे नहीं क्या होगा? आप खुद समझ सकते हैं। इस बार बॉयोकेमिस्ट्री में सबसे ज्यादा स्टूडेंट फेल हुए हैं। स्टूडेंट का कहना है कि उनको जानबूझकर फेल किया गया है। बॉयोकेमिस्ट्री डिपार्टमेंट के एचओडी आनंद नारायण सिंह का कहना है कि आरोप निराधार है। प्रिंसिपल का कहना है कि स्टूडेंट्स तो फेल होते रहते हैं। फेल होने पर मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस फस्र्ट इयर के 3 स्टूडेंट्स ने नींद की गोलियां खा लीं। आइए इन स्टूडेंट्स के एजुकेशनल करियर पर एक नजर डालते हैं.