- माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा घेराव कर किया प्रदर्शन

- विधान भवन घेरने जा रही शिक्षकों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज

- 450 शिक्षकों ने दी गिरफ्तारी, गोसाईगंज और पुलिस लाइन भेजा गया

LUCKNOW :

माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय का घेराव कर प्रदर्शन किया। शिक्षक प्रदेश सरकार द्वारा मानदेय बंद किये जाने के विरोध कर रहे थे। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे शिक्षकों ने कार्यालय का घेराव कर धरना दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने विधान भवन का भी घेराव करने का प्रयास किया। जहां उन्हें पुलिस सो मोर्चा लेना पड़ा। जिसके बाद पुलिस ने उग्र प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज किया।

वैरीकेडिंग लगाकर रोकने का प्रयास

दोपहर को सैकड़ों की संख्या में शिक्षक विधान भवन घेरने के लिए आगे बढ़े, लेकिन पुलिस इसके लिए पहले से तैयार थी। एसपी पूर्वी, एसपी टीजी, सीओ हजरतगंज, गोमती नगर, इंस्पेक्टर हजरतगंज, हुसैनगंज, महिला थाना समेत कई थाने का फोर्स मौजूद थी। हजरतगंज चौराहे के पास ही वैरीकेडिंग लगाकर आंदोलनकारी शिक्षकों को रोक दिया गया। कई बार धक्का-मुक्का और पुलिस से झड़प हुई। विरोध बढ़ने पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर उन्हें कंट्रोल में किया। इस दौरान कई लोग घायल भी हो गए। करीब साढ़े चार सौ शिक्षकों ने अपनी गिरफ्तारी दी। उन्हें पुलिस लाइन और गोसाईगंज जेल भेजा गया।

विधान भवन घेरने की थी तैयारी

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे शिक्षक एमएलसी संजय मिश्रा ने कहा कि बीजेपी सरकार के बनते ही शिक्षकों का मानदेय बन्द किये जाने का प्रदेश भर का विरोध कर रहे हैं, जिसके पहले से ही नियोजित कार्यक्रम के चलते मंगलवार को शिक्षकों ने निदेशालय का घेराव किया था। जिसके लिए प्रदेश भर के वित्तविहीन शिक्षक लखनऊ आ रहे थे उन्हें आने से रोकने के लिए प्रशासन ने शिक्षकों की जगह जगह गिरफ्तारी कर ली।

दो सौ करोड़ रुपये का था बजट

एमएलसी ने कहा मानदेय बंद किये जाने के विरोध में शिक्षकों ने पिछले महीने भी निदेशालय का घेराव किया था तब सरकार के निर्देश पर शिक्षा सचिव ने लिखित आश्वासन दिया था कि वित्तविहीन शिक्षकों का पूर्व की भांति सपा सरकार द्वारा दिए गए मानदेय के 200 करोड़ के बजट को यथावत रखा जाएगा। उसके बाद भी अभी तक कोई शासनादेश नहीं जारी होने पर शिक्षक आक्रोशित है। वित्तविहीन शिक्षकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नही होती है तो प्रदेश के शिक्षक सड़कों पर उतर आएंगे।