- बाबू के खिलाफ मुकदमा तो दर्ज लेकिन अभी गिरफ्तारी नहीं

- एलडीए परिसर में दिन भर चर्चाओं का बाजार रहा गर्म

LUCKNOW:

निलंबित बाबू मुक्तेश्वर नाथ ओझा के रिकॉर्ड को खंगालने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही उसके साथियों पर भी खास नजर रखी जा रही है। प्रयास किया जा रहा है कि दो से तीन दिन के अंदर बाबू की पूरी कुंडली तैयार कर ली जाए। इसमें पुराने विवादों से लेकर गायब हुईं 150 फाइलों के मामले तक शामिल किए जाएंगे। वहीं दूसरी ओर गोमतीनगर थाने में बाबू के खिलाफ पांच संगीन धाराओं में मुकदमा तो दर्ज कर लिया गया है, लेकिन पुलिस ने उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है।

दिन भर चर्चाओं का बाजार गर्म

एलडीए में थर्सडे को प्राधिकरण दिवस का आयोजन किया गया था। एक तरफ जहां अधिकारी आवंटियों की शिकायतों का निस्तारण कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ बाबू मुक्तेश्वर को लेकर भी सुगबुगाहट नजर आ रही थी। खासकर एलडीए के बाबू खासे सतर्क मोड में नजर आ रहे थे। एक चर्चा यह भी थी कि दूसरे बाबू सुरेंद्र के खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं की गई। जबकि उसके ऊपर भी आरोप हैं।

तो एलडीए आया था बाबू

सूत्रों की मानें तो मुकदमा दर्ज होने के बाद भी बाबू मुक्तेश्वर नाथ ओझा पर कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। बताया तो यह भी जा रहा है कि गुरुवार दोपहर वह प्राधिकरण आया भी था और उसने कई लोगों से मुलाकात भी की। इसके बाद वह वापस लौट गया।

यह है मामला

बाबू ओझा पर आरोप है कि उसने पत्नी के नाम ढाई करोड़ रूपये का प्लॉट आवंटित करा लिया था। इसके साथ ही उस पर अन्य योजनाओं से जुड़ी 150 फाइलें भी उपलब्ध न कराने का आरोप है। बुधवार को जब वीसी ने उससे फाइलें मांगी थीं, तो उसने असमर्थता जाहिर की। जिसके बाद वीसी ने उसे अपने कार्यालय से ही पुलिस हिरासत में भिजवा दिया था। इसके बाद देर शाम तक बाबू थाने में बैठा रहा था, लेकिन एलडीए की ओर से कोई तहरीर नहीं पहुंची थी। जिसके बाद पुलिस ने उसे थाने से छोड़ दिया था। हालांकि बाद में तहरीर पहुंचने के बाद पुलिस ने बाबू के खिलाफ पांच धाराओं 419, 420, 46, 468 और 471 में मुकदमा दर्ज कर लिया था।