CM के निर्देश पर पुलिस ने दर्ज की FIR

ALLAHABAD: क्रिश्चियन कम्युनिटी की संस्था को लम्बी चोट पहुंचाने का खेल खेला गया। प्रदेश में सपा की सरकार रहने के दौरान कमजोर पड़ गए प्रबंध तंत्र को सीएम का सपोर्ट मिल गया तो पुलिस भी एक्टिव हो गई है। इसी का परिणाम है कि साढ़े पांच करोड़ रुपये का एक और घोटाला सामने आ गया है। इसकी रिपोर्ट जार्जटाउन थाने में दर्ज कराई गई है। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी पादरी जॉन अगस्टीन ने इसके लिए तहरीर थाने में दी थी।

करोड़ों रुपए के गबन का आरोप

पादरी जॉन अगस्टीन द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार डायोसिस ऑफ लखनऊ की कंपनी लखनऊ डायोसेसियन ट्रस्ट एसोसिएशन के तत्कालीन मॉडरेटर पीपी मरांडी और जनरल सेक्रेटरी एल्वान मसीह ने साजिश के तहत बिशप ऑफ लखनऊ चर्च नार्थ इंडिया मोरिस एडगर को हटा दिया। इसके बाद एचआर मल को सचिव के पद से हटाया गया। फिर डेनियल सुभान को मोर्डेटर कमिश्नरी नियुक्त कर कंपनी और सोसायटी के खाते से करोड़ों रुपये निकालकर गबन करने लगे। पीपी मरांडी के पद से हटने के बाद पीके समन्तोरी को मॉडरेटर और पीटर बलदेव को बिशप नियुक्त किया। फिर पीपी मरांडी, पीके समोन्तरी, एल्वान मसीह, डेनियल सुभान, पीटर बलदेव, राजेश जोजफ, विनोद बी लाल, शशि प्रकाश और ट्रेजरार डेविड दत्ता ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर करोड़ों रुपये खाते से निकाल लिए। यह भी आरोप है कि विनोद बी लाल ने घोटाला करके 50 लाख की गाड़ी खरीदी और कंपनी की एफडी तुड़वाकर पैसे निकलवाए। धोखाधड़ी के बाद पादरी और उनके सहयोगी मुख्यमंत्री से मिले। सीएम के निर्देश पर एफआइआर हुई। नामजद आरोपियों में कई के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में भी आठ करोड़ के घोटाले की रिपोर्ट हुई है। गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद पुलिस कुछ दिन पहले डेनियल सुभान को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।