पहला दिन:

टीम इंडिया की पहली पारी को संभालने का काम मुरली विजय ने किया. विजय ने मैच के पलले दिन शतक लगाया और ये इंडिया से बाहर विजय का पहला शतक था. इससे पहले उन्होंने तीन शतक भारतीय पिचों पर लगाए थे. विजय की इस सेंचुरी ने कई और भी रिकॉर्ड्स बनाए जैसे ट्रेंट ब्रिज पर शतक ठोकने वाले वो तीसरे इंडियन ओपनर भी बने. उनसे पहले राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग ये कारनामा कर चुके हैं, इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली पारी में टेस्ट शतक जड़ने वाले वो छठे इंडियन क्रिकेटर. इससे पहले हनुमंत सिंह, मोहम्मद अजहरुद्दीन, सौरव गांगुली, दीप दासगुप्ता और चेतेश्वर पुजारा ऐसा कर चुके हैं. विजय के बाद पहले दिन रिकॉर्ड बनाने कि लिस्ट में टीम इंडिया के कैप्टन कूल एम एस धोनी भी शामिल हैं. धोनी ने हाफसेंचुरी जड़कर रिकॉर्ड बनाया. धोनी की इंग्लैंड में ये पांचवीं हाफसेंचुरी थी जो कि इंडिया के अलावा किसी और देश में उनके द्वारा बनाई गई सबसे ज्यादा हाफसेंचुरी है. इसके बाद बारी आती है इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन की जिन्होंने शिखर धवन का विकेट लेकर टेस्ट क्रिकेट में 356 विकेट पूरे किए. इसके साथ ही एंडरसन अब डेनिस लिली और चामिंडा वास (दोनों के 355 टेस्ट विकेट) के रिकॉर्ड आगे निकल गए.

नॉटिंघम टेस्ट मैच ड्रॉ,इंडिया-इंग्‍लैंड ने बनाए ढेरों रिकॉर्ड्स

दूसरा दिन:

मैच का दूसरा दिन नाम रहा टीम इंडिया के बॉलिंग अटैक की कमान संभालने वाले भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी के जिन्होंने 10वें विकट के लिए शानदार पार्टनरशिप करी. इन दोनों की जोड़ी ने टीम इंडिया की ओर से इंग्लैंड के खिलाफ नया रिकॉर्ड बनाया. इन दोनों ने 10वें विकेट के लिए 111 रन जोड़े. जब कि इससे पहले ये रिकॉर्ड अनिल कुंबले और एस श्रीसंत के नाम था जिन्होंने 2007 में ओवल में 10वें विकेट के लिए 73 रन की पार्टनरशिप की थी. हालांकि दोनों सचिन तेंदुलकर और जहीर खान के बीच 10वें विकेट के लिए हुई 133 रनों की साझेदारी का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए. दूसरे दिन बर्से रिकॉर्ड्स की लिस्ट यही नहीं खत्म होती. भुवनेश्वर कुमार की 58 रनों की पारी इंग्लैंड के खिलाफ 9वें नंबर पर किसी भी इंडियन बैट्समैन द्वारा खेली गई तीसरी सबसे बड़ी पारी थी. इससे पहले फारुख इंजीनियर ने 65 और किरन मोरे ने 61 रनों की पारी खेली थी. वहीं मोहम्मद शमी 11वें नंबर पर बैटिंग करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ हाफसेंचुरी जड़ने वाले एकमात्र इंडियन बैट्समैन बने. इतना ही नहीं किसी भी टीम के खिलाफ 11वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए हाफसेंचुरी जड़ने वाले वो दूसरे इंडियन क्रिकेटर भी बने. इससे पहले गुलाम अहमद ने 1952 पाकिस्तान के खिलाफ ये कारनामा किया था.

तीसरा दिन:

तीसरा दिन नाम रहा इस दौरे पर टीम इंडिया के सबसे अनुभवी बॉलर ईशांत शर्मा के. ईशांत ने इयान बेल का विकेट लेकर इस बैट्समैन को 13 टेस्ट पारियों में 5 बार आउट किया. यही नहीं पिछली पांच पारियों में इशांत ने 18 विकेट झटके जबकि इससे पहले के 18 विकेट हासिल करने में उन्हें 18 पारियां लगी थीं.

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चौथा दिन:

जो कमाल टीम इंडिया की 10वें नंबर की जोड़ी ने कर दिखाया वैसा ही कुछ हुआ मैच के चौथे दिन. जिसमें इंग्लैंड के जोए रूट और जेम्स एंडरसन ने मिलकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला है. इस जोड़ी ने 10वें विकेट के लिए 198 रन जोड़े जो कि टेस्ट क्रिकेट में 10वें विकेट के लिए सबसे बड़ी पार्टनरशिप है. इससे पहले ये रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के फिलिप ह्यूज और एश्टन आगर की जोड़ी के नाम था. जिसने पिछले साल इसी मैदान पर 10वें विकेट के लिए 163 रन जोड़कर ये रिकॉर्ड बनाया था. वहीं 11वें नंबर पर बैटिंग करते हुए जेम्स एंडरसन ने 81 रन ठोके जो कि इस बैटिंग पोजिशन पर बनाया गया वर्ल्ड का तीसरा सबसे बड़ा स्कोर था. इससे पहले एश्टर आगर (ऑस्ट्रेलिया) 98 और टीनो बेस्ट (वेस्टइंडीज) 95 इस लिस्ट में उनसे आगे हैं. जबकि इंग्लैंड की ओर से 11वें नंबर पर बनाया गया ये सबसे बड़ा स्कोर था.

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पांचवां दिन:

मैच भले ही ड्रा रहा लेकिन रिकॉर्ड मैच के पांचवें दिन तक बनते गए. भुवनेश्वर कुमार ने 9वें नंबर पर बैटिंग करते हुए टेस्ट क्रिकेट की दोनों पारियों में हाफसेंचुरी जड़ी और ऐसा करने वाले वो दुनिया के दूसरे क्रिकेटर बन गए. इससे पहले ये कारनामा ऑस्ट्रेलिया के पीटर सिडल ने किया था. भुवनेश्वर कुमार ने अपनी दोनों पारियों में 9वें नंबर पर बैटिंग की और मैच में 121 रन बनाए जो कि किसी भी क्रिकेटर द्वारा बनाए गए सबसे ज्यादा रन थे. भुवनेश्वर ने पहली पारी में 58 और दूसरी पारी में नाबाद 63 रन बनाए. वहीं इंग्लैंड दौरे पर पहली बार टीम इंडिया का हिस्सा बनकर गए स्टुअर्ट बिन्नी ने 8वें नंबर पर बैटिंग करते हुए अपने करियर के पहले ही टेस्ट में पचासा जड़ा. बिन्नी ने 78 रनों की शानदार पारी खेली. 1947 के बाद ये पहला मौका था जब टीम इंडिया के किसी क्रिकेटर ने 8वें नंबर पर बैटिंग करते हुए अपने पहले ही टेस्ट मैच में विदेशी धर्ती पर पचासा जड़ा हो. इससे पहले दत्तू फाडकर ने ये कारनामा किया था. वहीं इस मैच में रिकॉर्डों का सिलसिला आकर रुका इंग्लिश टीम के कैप्टन एलिस्टेयर कुक पर. जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला विकेट लिया. ये दूसरा मौका था जब कुक ने टेस्ट में गेंदबाजी की. कुक ने इशांत शर्मा को आउट किया.

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