- 1148 पशु धन प्रसार अधिकारियों की भर्ती में हुई गड़बड़ी

- मानकों को नजरंदाज कर धांधली के लिये इंटरव्यू के रखे गए थे 20 नंबर

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रुष्टयहृह्रङ्ख (2 छ्वह्वठ्ठद्ग): सपा शासनकाल के दौरान विभिन्न विभागों में हुए भर्ती घोटालों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है. चकबंदी विभाग में भर्तियों में गड़बड़ी के आरोपी अपर चकबंदी आयुक्त सुरेश सिंह यादव की अरेस्टिंग के अगले ही दिन पशुपालन विभाग में भर्तियों में गड़बड़ी पर बड़ा एक्शन हुआ है. एसआईटी की रिपोर्ट में पूरे फर्जीवाड़े से पर्दा हटने के बाद रविवार को प्रदेश सरकार ने पशुपालन विभाग के डायरेक्टर समेत छह अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया.

गड़बड़ी के लिये 20 नंबर का इंटरव्यू

वर्ष 2012-13 में पशुधन प्रसार अधिकारियों की भर्ती में हुए घोटाले पर सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर एसआईटी ने जांच कर इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा किया था. जांच में पता चला था कि भर्ती में मनमाने ढंग से मानकों को नजरंदाज किया गया. दरअसल, प्रदेश में 1148 पशुधन प्रसार अधिकारियों की भर्ती कि लिये 100 की बजाय 80 नंबरों के लिये लिखित परीक्षा कराई गई. जबकि, 20 नंबर इंटरव्यू के लिये रखे गए. आरोप है कि इंटरव्यू के इन्हीं नंबरों के जरिए मनपसंद अभ्यर्थियों को चुन लिया गया. भर्ती घोटाले की जांच सरकार ने 28 दिसंबर 2017 को एसआईटी को सौंपी थी.

यह अधिकारी सस्पेंड

पशुपालन विभाग में भर्तियों में गड़बड़ी को लेकर एसआईटी ने जांच में डायरेक्टर चरण सिंह यादव, अपर निदेशक अशोक कुमार सिंह, बस्ती मंडल के अपर निदेशक जीसी द्विवेदी, लखनऊ के अपर निदेशक डा. हरिपाल, बरेली के अपर निदेशक एपी सिंह और अयोध्या के अपर निदेशक अनूप श्रीवास्तव को दोषी पाया. प्रमुख सचिव (पशुधन) सुधीर एम बोबड़े ने बताया कि एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर डायरेक्टर समेत इन सभी दोषी पाए गए अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है.

किसी को कानून के साथ खिलवाड़ नहीं करने देंगे. सभी भर्ती आयोगों के प्रमुखों को निर्देशित कर दिया गया है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में पूरी तरह पारदर्शिता बरती जाए. जो लोग युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने की कोशिश करेंगे, उन्हें सलाखों के पीछे भेजा जाएगा.

- योगी आदित्यनाथ, सीएम