-परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापक पदों की लिखित परीक्षा के पुनर्मूल्यांकन पर टिकी अभ्यर्थियों की निगाह
-सीबीआई जांच के आदेश पर रोक लगने से फिर बढ़ी अभ्यर्थियों की उम्मीदें
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PRAYAGRAJ: सूबे के परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापकों के पदों पर नियुक्ति के लिए पहली बार आयोजित सहायक अध्यापक भर्ती लिखित परीक्षा के पुनर्मूल्यांकन को लेकर आस लगाए अभ्यर्थियों को उस समय झटका लगा था, जब हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने पूरी परीक्षा की सीबीआई जांच कराने का निर्देश दिया था। सोमवार को कोर्ट की तरफ से सीबीआई जांच के आदेश पर रोक लगाने की खबर से पुनर्मूल्यांकन से आस लगाए बैठे अभ्यर्थियों को संजीवनी दे दी। लिखित परीक्षा के पुनर्मूल्यांकन शुरू होने के बाद से ही बड़ी संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा में सफल होने का दावा कर रहे थे। शासन की ओर से भी 30 दिसंबर तक पुनर्मूल्यांकन का रिजल्ट देने का निर्देश मिला था।
मूल्यांकन पर उठाए थे सवाल
सहायक अध्यापक लिखित परीक्षा के मूल्यांकन को लेकर परीक्षा परिणाम आने के बाद से ही अभ्यर्थी सवाल उठाने लगे थे। अभ्यर्थियों का कहना था कि मूल्यांकन में गड़बड़ी बरती गई है। मामला तूल पकड़ने के बाद शासन की ओर से उच्च स्तरीय जांच कमेटी से पूरे मामले की जांच करायी गई। उच्च स्तरीय जांच कमेटी की जांच में कई प्रकार की गड़बडि़यां सामने आई। इसके बाद शासन ने कॉपियों के पूनर्मूल्यांकन का निर्देश दिया है। ऐसे में अभ्यर्थियों को फिर से आस जगी है कि पुनर्मूल्यांकन के बाद जारी होने वाले परिणाम में उनको सफलता जरूर मिलेगी।
फैक्ट फाइल
68,500 पदों पर होनी थी सहायक अध्यापकों की भर्ती
1,25,000 ने किया था लिखित परीक्षा के लिए आवेदन
1,07,873 ने अभ्यर्थियों ने दी थी लिखित परीक्षा
34000 अभ्यर्थी पहली बार में लिखित परीक्षा में सफल हुए थे घोषित
6,556 को विवाद के बाद सफल घोषित किया गया
41,556 अभ्यर्थी कुल सफल हुए
26,944 अभ्यर्थी को मिली असफलता
30 दिसंबर को पुनर्मूल्यांकन का जारी होना है परिणाम