फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद एमडीए ने बरती सख्ती

रिफंड मांगने के लिए आ रहे थे संदिग्ध, आवेदनों की होगी जांच

Meerut। मेरठ विकास प्राधिकरण की विभिन्न आवासीय योजनाओं में रीफंड की मांग कुछ फर्जी आवंटी भी कर रहे हैं। जांच में इसके खुलासे के बाद एमडीए सचिव राजकुमार ने सभी आवेदनों की जांच के आदेश दिए। साथ ही आदेश दिए हैं कि रीफंड की धनराशि मूल आवंटी को ही मिलेगी।

आंखों में धूल झोंकने का प्रयास

एमडीए की विभिन्न आवासीय योजनाओं में गत वर्षो में प्लाट्स और फ्लैट्स का आवंटन किया है। शताब्दीनगर समेत विभिन्न आवासीय ईकाइयों में एमडीए किसानों के कब्जे से जमीन को मुक्त नहीं करा पाया तो वहीं आवंटियों ने प्लाट्स की पूरी रकम अदा कर दी। ऐसे में अब आवंटी कब्जे की मांग कर रहे हैं तो वहीं एमडीए ने विकल्प दिया है कि यदि कोई आवंटी चाहें तो एमडीए में जमा धनराशि वापस लेकर अपना आवंटन रद करा सकता है। हालांकि इसके लिए नियम और शर्ते भी प्राधिकरण ने तय कर दी। शर्त के तहत मूल आवंटी ही रीफंड ले सकेगा। जबकि देखा गया है कि पावर ऑफ अटार्नी लेकर कुछ लोग रकम की वापसी के लिए प्राधिकरण पहुंच गए हैं।

मिलेगा रीफंड

एमडीए सचिव ने बताया कि रीफंड मूल आवंटी को ही मिलेगा। कुछ केसेस में देखा गया है कि पावर ऑफ अटार्नी के माध्यम से प्रॉपर्टी की बिक्री करके मूल आवंटी तो चला गया, अब खरीदार रीफंड के लिए एमडीए के चक्कर काट रहे हैं। जबकि कानूनन प्राधिकरण मूल आवंटी को ही रीफंड कर सकता है। ऐसे में आवेदन के साथ संलग्न किए गए कागजों को ठीक से देखा जा रहा है। कुछ लोग फर्जी कागज तैयार करके एमडीए को चूना लगाने की फिराक में भी हैं।

पावर ऑफ अटार्नी के माध्यम से संपत्ति की बिक्री करके मूल आवंटी तो चला गया लेकिन अब खरीदार रीफंड के लिए चक्कर काट रहे हैं। कानूनन मूल आवंटी को ही आवंटन निरस्त कर रीफंड किया जा सकता है, ऐसे में विभाग को कड़ी जांच-पड़ताल के निर्देश दिए गए हैं।

राजकुमार, सचिव, एमडीए