छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : देशभर के तमाम राज्य विदेशी इन्वेंस्टमेंट, एक्सटरनल या फिर कल्चरल इश्यूज पर दूसरे देशों को सीधे अप्रोच कर सकते हैं। संबंधित स्टेट को इस बाबत जानकारी न हो तो वे रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर(आरपीओ)से संपर्क कर सकते हैं। फॉरेन मिनिस्ट्री ने राज्य के मुख्यालयों में स्थापित रीजनल पासपोर्ट ऑफिस को इसके लिए निर्देश दिया है। निर्देश के बाद से राज्य मुख्यालयों में स्थापित क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफिस की भूमिका बढ़ गई है। अभी तक रीजनल पासपोर्ट ऑफिसों में सिर्फ पासपोर्ट से संबंधित ही काम किया जाता था। लेकिन फॉरेन मिनिस्ट्री की ओर से मिले निर्देश के बाद से रीजनल पासपोर्ट ऑफिस अब विदेश मंत्रालय और राज्य सरकारों के बीच मीडिएटर का काम करेगा। ऐसे में स्टेट आरपीओ(रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर)के जरिए विदेश मंत्रालय से संपर्क स्थापित कर सकते हैं।

फॉरेन सेक्रेटरी ने दिया था निर्देश

बीते जून महीने में नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू भवन में 17 क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारियों, चार ब्रांच सेक्रेट्री हेड (चेन्नई, कोलकाता, गोहाटी, हैदराबाद) की बैठक हुई। जिसमें विदेश सचिव डॉ एस जयशंकर के अलावा विदेश मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी गोपाल बागले और झारखंड के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी सनातन जैसे तमाम अधिकारी मौजूद थे। बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि किसी भी राज्य में विदेशी इन्वेस्टेमेंट की संभावनाएं हो, स्टेट विदेशी इन्वेस्टमेंट चाहता हो, यदि उसे विदेश इन्वेस्टमेंट के बारे में जानकारी नहीं हो तो तो राज्य को सीधे विदेश मंत्रालय से संपर्क करने के बजाय अब क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफिस में संपर्क कर सकते हैं। यह तमाम जानकरी क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी राज्य को उपलब्ध कराएंगे।

आरपीओ को मिली जिम्मेदारी

विदेश सचिव ने इस बैठक में आरपीओ को यह अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है। इसके बाद संबंधित राज्य की विदेश मंत्रालय संबंधित प्रपोजल आरपीओ के जरिए विदेश मंत्रालय को पहुंचाएगी। इसके बाद ये प्रस्ताव विदेश मंत्रालय अपने स्टेट डिवीजन तक पहुंचाएगा। इसके अलावा संबंधित राज्य में कोई विदेशी डिप्लोमेट आ रहा है, तो उसके लिए क्या प्रोटोकॉल की जरूरत होती है, जैसी जानकारियां भी राज्य आरपीओ के जरिए हासिल कर सकता है। बताया गया है कि पूरे देश में विदेश मंत्रालय की यह पहल पहली बार शुरू की गई है। इससे राज्यों को भी सहूलियत मिलेगी। यह भी बताया जा रहा है कि अब विदेश मंत्रालय सभी राज्यों के चीफ सेक्रेट्रीज के साथ भी बैठक कर सकते हैं।

रांची में है रीजनल पासपोर्ट ऑफिस

रांची के पिस्का मोड़ स्थित ग्लैक्सिया मॉल में झारखंड का रीजनल पासपोर्ट ऑफिस है। ऑफिस से संबंधित तमाम जानकारियां फेसबुक, ट्वीटर पर भी उपलब्ध है। पासपोर्ट और विदेश मंत्रालय से संबंधित तमाम जानकारियां पासपोर्ट ऑफिस की वेबसाइट के अलावा ट्वीटर और फेसबुक से भी ली जा सकती है।

विदेशी निवेशकों को भेजा जाएगा बुलावा

रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर सनातन ने बताया विदेशों में झारखंड महोत्सव कराने की योजना बनाई जा रही है। झारखंड महोत्सव के जरिए यहां की संभावनाओं और यहां के कल्चर से विदेशी निवेशकों को अवगत कराया जाएगा। झारखंड में संभावनाओं की कमी नहीं है। सिर्फ जरूरत है विदेशी निवेशकों को रिझाने की। विदेशी दूतावास के जरिए क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय यह काम करेगा। राज्य सरकार यदि इच्छा जाहिर करे तो इस काम में हम उनकी मदद करेंगे। हालांकि झारखंड महोत्सव कब और कहां होगा इसकी घोषणा नहीं की गई है।

झारखंड में क्या हो सकती है संभावनाएं

-बेरोजगारी दूर होगी

क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी का मानना है कि झारखंड में विदेशी निवेश होने से पीएम मोदी का मेक इन इंडिया का सपना साकार होगा। इस तरह के प्रस्ताव से उम्मीद जाहिर की जा रही है कि विदेशी इन्वेस्टर के आने से राज्य में उद्योगों की संभावना बढ़ेगी। उद्योगों के विकास से राज्य में रोजगार का सृजन होगा। राज्य में संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। श्रम भी सस्ता है। ऐसी स्थिति में उद्योगों को अनुकूल माहौल मिलेगा। रोजगार बढ़ने से राज्य में पलायन और मानव तस्करी जैसी समस्याओं से निजात मिलेगी।

2-यहां की संस्कृति को मिलेगा वैश्विक पहचान

क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफिस की ओर से होने वाले झारखंड महोत्सव से यहां की सास्कृतिक विरासत को वैश्विक पहचान मिलेगा। पासपोर्ट ऑफिस इसमें मीडिएटर का काम करेगा। हालांकि झारखंड में आदिवासी समाज की ऐतिहासिक विरासत किसी से छिपी नहीं है। विदेशों में भी काफी नाम है। पासपोर्ट ऑफिस के जरिए यहां की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पहचान मिलेगा।

3-टूरिज्म और इंडस्ट्री डिपार्टमेंट की बढ़ेगी भूमिका

क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफिस को विदेशी इन्वेंस्टमेंट, एक्सटरनल या फिर कल्चरल इश्यूज को बढावा देने की जिम्मेदारी से टूरिज्म और इंडस्ट्री डिपार्टमेंट की भूमिका बढ़ेगी। विदेशी पर्यटकों को यहां के बारे में जानकारी मिलेगी। लोगों का मानना है कि विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ने से संस्कृति, कला और रीति-रिवाजों का आदान प्रदान होगा।

वर्जन

क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफिस को विदेशी इन्वेंस्टमेंट, एक्सटरनल या फिर कल्चरल इश्यूज पर राज्य सरकार को सहयोग करने की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। झारखंड की अंतरराष्ट्रीय पहचान के लिए हम सरकार को सहयोग के लिए हमेशा तैयार हैं। यह एजेंडा दिल्ली में आयोजित बैठक में तय किया गया है। विदेश सचिव के निर्देश पर यह फैसला लिया गया है।

सनातन, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी