- हाईकोर्ट के निर्णय की कॉपी के साथ पहुंचे यूनिवर्सिटी

- वीसी ऑफिस सहित सभी जगह दर्ज कराई अपनी एंट्री

- प्रभारी रजिस्ट्रार को कहा डीआर रहकर करें अपना काम

- ऑफिस नहीं खुलने पर कैंप कार्यालय में करेंगे काम

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी में एक बार फिर शासन के रजिस्ट्रार मनोज कुमार ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिनकी दहाड़ यूनिवर्सिटी में मौजूद सभी अधिकारी और कर्मचारियों में सुनाई दी। रजिस्ट्रार मनोज कुमार ने आते ही वीसी ऑफिस में हाईकोर्ट के आदेश और अपना प्रपत्र थमा दिया। जिसमें वीसी से अपने ऑफिस को खोले जाने की अपील की। इसके बाद प्रो वीसी को भी कोर्ट जजमेंट और अपने अधिकार की कॉपी से अवगत कराया। फिर प्रभारी रजिस्ट्रार के पास पहुंचे और उनको अपनी मौजूदगी का परिचय दिया। बारी-बारी से सभी डिपार्टमेंट में जाकर अपनी मौजूदगी का अहसास कराया।

रजिस्ट्रार की दबंग एंट्री

यूनिवर्सिटी में अक्टूबर ख्0क्ब् से चल रहे वीसी और रजिस्ट्रार के बीच झगड़े ने क्7 मार्च को नया मोड़ ले लिया। जहां हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में यूनिवर्सिटी की ओर से दाखिल किए गए आरोपों को खारिज करते हुए मनोज कुमार चौहान को एज ए रजिस्ट्रार यूनिवर्सिटी में काम करने का फैसला सुनाया। गुरुवार को रजिस्ट्रार मनोज कुमार की यूनिवर्सिटी में एक दबंग एंट्री हुई। जहां ये सीधे पहले वीसी के ऑफिस में पहुंचे और वहां वीसी के नहीं होने पर काफी देर तक इंतजार किया।

सबको कराया अहसास

वीसी के नहीं आने पर उनके ऑफिस में हाईकोर्ट के आदेश और अपने ऑफिस को खुलवाए जाने के संबंध में लेटर दिया। वीसी को लिखे गए अपने लेटर में इन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के संबंध में आपको यूनिवर्सिटी के नामित विद्वान अधिवक्ता अनुराग खन्ना द्वार अवगत करा दिया गया होगा।

सील अवैधानिक

इन्होंने कहा कि अधोहस्ताक्षरी का कार्यालय आपके (वीसी) द्वारा अवैधानिक रूप से सील किया गया है। उच्च न्यायालय के अनुपाल हेतु रजिस्ट्रार कार्यालय का तत्काल खुलना आवश्यक है। ख्8 जनवरी ख्0क्भ् को कार्यालय सील होने की कार्यवाही अवैधानिक एवं आपराधिक कृत्य थी।

मांगी सेलरी

रजिस्ट्रार का कहना है कि ख्क् अक्टूबर ख्0क्ब् से ख्8 जनवरी ख्0क्भ् तक वह रजिस्ट्रार कार्यालय पर कार्य कर रहे थे और वीसी द्वारा रजिस्ट्रार कार्यालय सील करने की अवैधानिक कार्यवाही के पश्चात ख्9 जनवरी से अपने आवास कैंप कार्यालय पर कार्रवाई कर रहा हूं। साथ ही कहा कि वीसी अपने निर्देश पर माह अक्टूबर से अब अद्यतन का वेतन भुगतान आज ही कराए।

मांगा काम का हिसाब

रजिस्ट्रार मनोज कुमार ने कहा है कि किसी को उनके हस्ताक्षर के बिना अवकाश देने या मुख्यालय छोड़ने की अनुमति बिना मेरे अग्रसारण के न दी जाए। उन्होंने प्रभारी रजिस्ट्रार डीआर प्रभाष द्विवेदी को साफ-साफ कहा कि आप डीआर हैं और डीआर की तरह ही काम करें। साथ ही परीक्षा संबंधी सभी डिटेल उनको उपलब्ध कराए। जो अपना ऑफिस नहीं खुलने पर कैंप कार्यालय पर काम करेंगे। इसको लेकर प्रभाष द्विवेदी अपनी कुर्सी से खड़े हुए और निकल लिए।

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अब क्या करेंगे वीसी

इस पूरे मामले में वीसी ने कहा है कि जब तक जजमेंट की सर्टिफाइड कॉपी उन्हें नहीं मिलती वे कुछ नहीं कर सकते। पहले सर्टिफाइड कॉपी का अध्ययन करेंगे और फिर इस बारे में सोचेंगे। माना जा रहा है कि अब वीसी सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन वहां भी इनको राहत मिलने की उम्मीद नहीं मानी जा रही। डबल बेंच के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट में अपील की भी जाए तो उसमें किसी निर्णय की संभावना नहीं बन रही। ऐसे में संशय है कि वीसी अपना इस्तीफा भी दे सकते हैं। क्योंकि वे अपने निर्णय पर अड़े हैं और रजिस्ट्रार मनोज कुमार को रजिस्ट्रार मानने से साफ इंकार कर रहे हैं।

यूनिवर्सिटी में नया माहौल

हाईकोर्ट के निर्णय के बाद रजिस्ट्रार मनोज कुमार को लेकर यूनिवर्सिटी में दिनभर खलबली मची रही। गुरुवार को पूरे दिन रजिस्ट्रार मनोज कुमार ही चर्चा में रहे, जो कमरा नंबर ख्0क् में डीआर एग्जाम बीपी कौशल के पास मौजूद प्रभारी रजिस्ट्रार प्रभाष द्विवेदी की कुर्सी पर बैठे। इनको लेकर कर्मचारियों के एक खेमे में काफी खुशी दिखी तो कुछ में डर भी नजर आया। मानो कही खुशी कहीं गम का माहौल रहा। उधर बताया गया कि वीसी भी अपने ऑफिस में इसलिए नहीं पहुंचे क्योंकि रजिस्ट्रार मनोज कुमार यूनिवर्सिटी में घूम रहे थे।

रजिस्ट्रार बोले

मुझे कोर्ट ने यूनिवर्सिटी का रजिस्ट्रार माना है। मैं रजिस्ट्रार हूं और यूनिवर्सिटी में एज ए रजिस्ट्रार काम करूंगा। अगर मेरा ऑफिस नहीं खुलता तो मैं कैंप कार्यालय से काम देखूंगा। सभी अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा किए गए कार्यो को भी देखूंगा।

- मनोज कुमार चौहान, रजिस्ट्रार, सीसीएस यूनिवर्सिटी