क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: राजधानी समेत पूरे झारखंड में अब बिना रजिस्ट्रेशन के डेंटल क्लिनिक चलाने वालों की खैर नहीं है. चूंकि एक महीने के अंदर ही स्टेट डेंटल काउंसिल झारखंड छापेमारी अभियान चलाएगा. इसके बाद बिना रजिस्ट्रेशन के प्रैक्टिस करते पकड़े जाने पर डेंटिस्ट्स पर एक लाख रुपए फाइन लगाने का प्रावधान किया गया है. वहीं छह महीने के लिए जेल भेजने का भी कानून बनाया गया है. इतना ही नहीं, डेंटिस्ट्स की डिग्री भी कैंसिल कर दी जाएगी. इसके बाद डेंटिस्ट्स कहीं भी प्रैक्टिस करने लायक नहीं बचेंगे. वहीं किसी हॉस्पिटल में भी उन्हें काम नहीं मिलेगा.

एक साल में 214 का रजिस्ट्रेशन

डेंटल कॉलेज बिल्डिंग में ही एक साल पहले स्टेट डेंटल काउंसिल के ऑफिस का उद्घाटन किया गया था. इसके बाद से राज्यभर के डेंटिस्ट्स से रजिस्ट्रेशन कराने की अपील की गई. इसे लेकर बार-बार सभी को सूचना भी दी गई. इसके बावजूद एक साल में 214 डेंटिस्ट्स ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है. वहीं इतने रजिस्ट्रेशन के बाद रफ्तार भी धीमी पड़ गई है. यह देखते हुए ही डेंटल काउंसिल ने अभियान चलाने का निर्णय लिया है.

5 साल का रजिस्ट्रेशन चार्ज 1000 रुपए

डेंटल काउंसिल ने रजिस्ट्रेशन के लिए चार्ज तय किया है. जिसमें प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन 50 रुपए देकर करा सकते हैं. वहीं एक साल के लिए चार्ज 200 रुपए रखा गया है. जबकि पांच साल के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए एक हजार रुपए चुकाने होंगे. इसके अलावा अपने क्लिनिक में भी उन्हें रजिस्ट्रेशन की कॉपी लगानी है. इसके बावजूद डेंटिस्ट्स रजिस्ट्रेशन कराने में इंटरेस्ट नहीं दिखा रहे है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्हें किसी तरह की कार्रवाई का डर नहीं सता रहा.

काउंसिल को फर्जी डेंटिस्ट्स की आ रही कंप्लेन

रजिस्ट्रेशन के बाद डेंटिस्ट्स को अपने क्लिनिक में रजिस्ट्रेशन की कॉपी लगानी है. वहीं कोई बिना रजिस्ट्रेशन के प्रैक्टिस कर रहा है तो इसके लिए रजिस्ट्रार ने मोबाइल नंबर भी जारी किया है. जिस पर दर्जनों लोगों ने फर्जी डेंटिस्ट्स को लेकर कंप्लेन दर्ज कराई है. अब उनलोगों पर भी काउंसिल की ओर से कार्रवाई की जाएगी.

वर्जन

किसी भी डेंटिस्ट को डिग्री हासिल करने के बाद रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. काउंसिल से रजिस्ट्रेशन के बाद वह बिना किसी रोक-टोक के प्रैक्टिस कर सकता है. अगर किसी के पास रजिस्ट्रेशन नहीं है तो उसपर फाइन लगेगा. इसके बाद भी रजिस्ट्रेशन नहीं कराता है तो उसकी डिग्री कैंसिल कर दी जाएगी. अगर वह चाहे तो प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन लेकर भी काम कर सकता है. इसके बाद रजिस्ट्रेशन बाद में कराने का टाइम दिया जाएगा.

डॉ. सुशील कुमार, रजिस्ट्रार, डेंटल काउंसिल, झारखंड