जन सेवा केंद्रों पर सन्नाटा, सूची न होने से बढ़ी दिक्कत, घर-घर जाकर पूछना पड़ रहा लाभार्थियों का नाम-पता
जानकारी के अभाव में पंजीकरण कराने नहीं आ रहे योजना के लाभार्थी
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PRAYAGRAJ: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान का पंजीकरण स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। केंद्र सरकार ने सर्वे से मिली ऑनलाइन जानकारी को फ्रीज कर दिया है। अब पीएम की चिट्टी बांटे जाने में लेटलतीफी भारी पड़ रही है। लाभार्थियों का पंजीकरण करने वाले जन सेवा केंद्रों पर सन्नाटा पसरा है। मजबूरी में वह घर-घर जाकर लाभार्थियों का नाम पता पूछ रहे हैं।
कौन है लाभार्थी, किसको पता
23 सितंबर को लांच हुई आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को 2011 की सोशियो-इकनॉमी सूची से चुना गया है। इनका नाम केंद्र सरकार ने ऑनलाइन स्वास्थ्य विभाग को भेजकर सर्वे करने को कहा था। सर्वे में प्राप्त मोबाइल नंबर और अन्य जानकारियों को उसी फार्मेट में भरवाने के बाद सूची को केंद्र सरकार ने फ्रीज कर दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री की ओर से लाभार्थियों को चिट्ठियां भेजी गई हैं जिनका वितरण अभी तक पूरा नही हो सका है। ऐसे में यह पता लगा पाना कि कौन लाभार्थी है?
केवल 367 का हुआ है इलाज
योजना के अनप्लांड संचालन का हश्र भी सामने आने लगा है। जिले में कुल 2.5 लाख परिवार लाभार्थी हैं। दो माह से अधिक समय बीतने के बाद कुल 367 मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया गया है। योजना का प्रचार प्रसार न होने और लाभार्थियों तक सूचना न पहुंचने से वह योजना का लाभ नही ले पा रहे हैं।
सूची की तलाश में भटक रहे
हाल ही में केंद्र सरकार ने जन सेवा केंद्र संचालकों को लाभार्थियों का आयुष्मान योजना के तहत पंजीकरण का अधिकार दिया है। प्रत्येक पंजीकरण पर 30 रुपये मिलेंगे। केंद्र संचालक पंजीकरण की बांट जोह रहे हैं लेकिन लाभार्थी नदारद हैं। केंद्र संचालकों का कहना है कि उन्हे मोहल्ले में जाकर लाभार्थियों की जानकारी लेनी पड़ रही है।
2.5
लाख लाभार्थी परिवार हैं जिले में कुल
367
दो माह में योजना के तहत लाभांवित हुए
9187
गोल्डन कार्ड अब तक कुल बने
5
लाख का इलाज लाभार्थी परिवार को एक साल में मुफ्त मिलेगा
65
लाख है जिले की कुल जनसंख्या
2500
जिले में कुल जन सेवा केंद्र
30
रुपए प्रत्येक पंजीकरण पर मिलेंगे लाभार्थी को
केंद्र सरकार ने आयुष्मान लाभार्थियों की सूची फ्रीज कर दिया है। इससे दिक्कत हो रही है। हमारी ओर से पीएम की पाती बटवाने का काम लगभग पूरा होने जा रहा है। इसके बाद लाभार्थी स्वयं सामने आ जाएंगे।
डॉ। एके तिवारी,
एसीएमओ व नोडल अधिकारी