- वाहनों की जिम्मेदारी अब पूरी तरह से स्कूल की होगी

- उनकी फिटनेस से लेकर चालक तक की करनी होगी देखरेख

LUCKNOW :

कुशीनगर में ट्रेन और स्कूली वैन में भिड़ंत के बार परिवहन विभाग स्कूली वाहनों के लिए नई गाइड लाइन तैयार कर रहा है। गाइडलाइन के अनुसार यदि कोई स्कूली वाहन दुर्घटनाग्रस्त होता है तो उसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से स्कूल प्रबंधन की होगी। स्कूल वाहन से दुर्घटना होने पर परिवहन विभाग पत्र लिख कर उस स्कूल की मान्यता खत्म करने की मांग करेगा। गाइडलाइन तैयार कर शासन को मंजूरी के लिए भेजी गई है। जिसमें इसे इसी सत्र ने लागू करने की सिफारिश की है।

परमिट में होगा बदलाव

परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार अब स्कूली बच्चों को ढोने के लिए दो तरह के परमिट जारी किए जाते रहे हैं। एक तो उन वाहनों को जो स्कूलों के होते हैं। वहीं दूसरा उन लोगों को जो अपने वाहन किसी भी स्कूल में अटैच कर अनुबंध के आधार पर संचालन करते हैं, लेकिन नए सत्र अनुबंध पर दिए जाने वाले परमिट में बदलाव होगा। उसे यह प्रमाण देना होगा कि वह किस स्कूल के लिए अपने वाहन का प्रयोग कर रहा है। स्कूल के नाम पर ही उसे परमिट दिया जाएगा। इसके बाद वह किसी अन्य स्कूल के बच्चों को नहीं ढो सकेगा। यदि परमिट लेने के बाद वाहन चालक या मालिक उस स्कूल के बच्चों को ढोने की जगह किसी अन्य स्कूल के बच्चों को ढोता है तो उसका परमिट स्वत: निरस्त माना जाएगा।

स्कूल प्रबंधन पर अब अपने वाहनों के साथ अनुबंधित वाहनों की भी जिम्मेदारी होगी। परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार सभी स्कूल वाहनों की जिम्मेदारी अब पूरी तरह से स्कूल प्रबंधन की होगी। वाहनों के रंग, नम्बर और उस पर लिखी जाने वाली डिटेल भी स्कूल प्रबंधक को चेक करनी होगी। नई नियमावली में यह भी सिफारिश की गई है कि यदि इन नियमों की अनदेखी की जाती है और कोई हादसा होता है तो संबंधित स्कूल की मान्यता रद्द करने के लिए शिक्षा विभाग को पत्र लिखा जाएगा, जिस पर उसे त्वरित एक्शन लेना होगा।

स्कूल वाहनों के लिए नई गाइडलाइन तैयार की गई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ध्यान में रखा गया है। इसे शासन भी भेजा गया है। इसे नए शैक्षिक सत्र से लागू किए जाने की तैयारी है।

- पी गुरु प्रसाद, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, परिवहन विभाग, उत्तर प्रदेश