-दिवाली पर बढ़ी ऑटो की बिक्री ने आरटीओ ऑफिस में बढ़ा दी रजिस्ट्रेशन की पेंडिंग
-दिवाली पर बेचे गए वाहनों की आरटीओ ऑफिस अभी तक नहीं भेजी गई पूरी डिटेल
फैक्ट एंड फिगर
400-फोर व्हीलर की हुई धनतेरस पर बिक्री
2600-टू व्हीलर की हुई थी बिक्री
7-दिन में कराना होता है रजिस्ट्रेशन
1-माह से अधिक रजिस्ट्रेशन की होगी पेंडिंग
7-दिन दिवाली की छुट्टियों में बीते
1800-वाहनों का मंडे तक आरटीओ आफिस पहुंचा डाटा
3000-वाहनों के बिक्री का अनुमान लगा रहे अफसर
400-वाहनों का मंडे को हुआ रजिस्ट्रेशन
<-दिवाली पर बढ़ी ऑटो की बिक्री ने आरटीओ ऑफिस में बढ़ा दी रजिस्ट्रेशन की पेंडिंग
-दिवाली पर बेचे गए वाहनों की आरटीओ ऑफिस अभी तक नहीं भेजी गई पूरी डिटेल
फैक्ट एंड फिगर
ब्00-फोर व्हीलर की हुई धनतेरस पर बिक्री
ख्म्00-टू व्हीलर की हुई थी बिक्री
7-दिन में कराना होता है रजिस्ट्रेशन
क्-माह से अधिक रजिस्ट्रेशन की होगी पेंडिंग
7-दिन दिवाली की छुट्टियों में बीते
क्800-वाहनों का मंडे तक आरटीओ आफिस पहुंचा डाटा
फ्000-वाहनों के बिक्री का अनुमान लगा रहे अफसर
ब्00-वाहनों का मंडे को हुआ रजिस्ट्रेशन
BAREILLYBAREILLY :
दिवाली और धनतेरस पर हुई वाहनों की बिक्री से आरटीओ ऑफिस में रजिस्ट्रेशन कराने वालों की भीड़ और पेंडेंसी बढ़ गई है। इस बार धनतेरस से दिवाली तक करीब फ् हजार से अधिक वाहनों की बिक्री हुई, लेकिन रजिस्ट्रेशन के लिए अभी तक सिर्फ आधे लोगों की डिटेल आरटीओ को भेजी गई है। जबकि कुछ लोगों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई तक नहीं किया। ऐसे वाहन अब बगैर रजिस्ट्रेशन के ही दौड़ रहे हैं।
अभी तक पूरा डाटा नहीं भेजा
त्योहार पर हुई वाहनों की बिक्री का शोरूम ओनर्स ने अभी तक पूरा डाटा तक आरटीओ ऑफिस नहीं भेजा है। क्योंकि वाहनों की धनतेरस और दिवाली पर अधिक बिक्री होने से शोरूम ओनर्स ने कस्टमर से उनके पेपर्स लेकर वाहन तो दे दिया। भीड़ के चलते पेपर्स को ऑनलाइन नहीं कर पाए। दिवाली के चलते वाहन शोरूम का ज्यादातर स्टाफ छुट्टी पर चला गया। इसके चलते ऑनलाइन डाटा फीडिंग का काम भी अटक गया। दिवाली के बाद अब छठ पूजा के चलते शोरूम पर काफी कर्मचारी अभी भी छुट्टी पर चल रहे हैं। इस कारण शोरूम से बिक्री किए गए वाहनों की फीडिंग कंप्लीट नहीं हो सकी। जिसके कारण आरटीओ ऑफिस को पूरा डाटा नहीं भेजा जा सका।
शोरूम ओनर को करनी होती है फीडिंग
वाहन की बिक्री के समय ही शोरूम ओनर कस्टमर से आइडी प्रूफ, फोटो आदि सभी पेपर्स लेकर डाटा फीडिंग कर आरटीओ को ऑन लाइन भेजना होता है। जिसके बाद आरटीओ ऑफिस के अफसर डाटा चेक कर उसका रजिस्ट्रेशन कर वाहन का नम्बर जारी कर देते हैं। इसके बाद आरटीओ ऑफिस से वाहन की आरसी आदि बनाकर शोरूम को भेजी जाती है। इस प्रक्रिया में कम से कम एक से दो सप्ताह का समय लग जाता है।
सेल लेटर सिर्फ 7 िदन ही मान्य
आरटीओ अफसरों के मुताबिक वाहन खरीदने के बाद सात दिन तक ही बगैर रजिस्ट्रेशन के सेल लेटर पर वाहन चलाया जा सकता है। इसके बाद वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वालों पर आरटीओ डिपार्टमेंट और ट्रैफिक पुलिस भी कार्रवाई करती है। वाहन ओनर को वाहन पर सात दिन के अंदर ही वाहन नम्बर भी डलवाना जरूरी होता है।
वीआईपी नंबर का इंतजार
बताया जाता है कि जल्द ही व्हीकल नंबर्स की नई सीरीज शुरू होने वाली है। इसके चलते कई वाहन चालक नई सीरीज के वीआईपी नंबर लेने की जुगत में लगे हैं, इसी के चलते ये व्हीकल ओनर अभी रजिस्ट्रेशन कराने से बच रहे हैं।
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दिवाली पर करीब फ् हजार वाहनों की बिक्री हुई है, क्योंकि क्8 सौ वाहनों का तो डाटा आरटीओ ऑफिस आ चुका है। जिनकी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बिक्री किए गए वाहनों का पूरा डाटा अभी तक नहीं अा पाया है।
आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन
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बगैर रजिस्ट्रेशन के जो भी वाहन रोड पर दौड़ रहे हैं उनके खिलाफ चेकिंग कर कार्रवाई की जाएगी। नियम उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सुभाष गंगवार, एसपी ट्रैफिक
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दिवाली पर बाइक खरीदी थी, शोरूम पर बताया था कि रजिस्ट्रेशन नम्बर सात दिन में मिल जाएगा लेकिन अभी तक तो मिला नहीं है। मंडे को शोरूम गया था, तो बता दिया कि अभी तक आया नहीं है.
हिमांशु
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धनतेरस पर बाइक ली थी लेकिन अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं मिला है। मंडे को जानकारी की तो बताया कि आ जाएगा तो इन्फामर्ेंशन दे दी जाएगी। पता नहीं कब तक नम्बर मिल पाएगा।
शिवम