चोरी के वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाने के लिए परिवहन विभाग ने शुरू की कवायद
वाहन से संबंधित किसी भी प्रकार के कार्य के लिए विभाग वाहन मालिक के नंबर पर भेजेगा ओटीपी
फर्जी रजिस्ट्रेशन पर ओटीपी से कसेगी लगाम
वाहन मालिक की अनुमति के बाद ही हो पाएगा वाहन का लेन-देन, रजिस्ट्रेशन और ट्रांसफर
Meerut। फर्जी एनओसी के माध्यम से चोरी की गाड़ी को किसी दूसरे के नाम से रजिस्टर्ड कराने, बेचने या ट्रांसफर आदि के खेल पर रोक लगाने के लिए अब परिवहन विभाग वाहन संबंधित किसी भी प्रकार के कार्य के लिए वाहन मालिक के मोबाइल पर ओटीपी भेजकर सत्यापन करेगा। इस ओटीपी के जरिए गाड़ी का असली मालिक भी अलर्ट हो जाएगा और चोरी की गाडि़यों के रजिस्ट्रेशन पर भी रोक लगेगी। इस योजना को सफल बनाने के लिए ट्रांसफर सहित वाहन से संबंधित अन्य कार्यो के लिए वाहन मालिक के मोबाइल नंबर समेत अन्य डाटा ऑनलाइन फीड किया जा रहा है।
फैक्ट्स
गाड़ी का ट्रांसफर, रजिस्ट्रेशन, लोन, टैक्स जमा, फिटनेस सहित वाहन से संबंधित अन्य कार्यो आदि के लिए विभाग ओटीपी का लेगा सहारा।
वाहन मालिक के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर पहुंचेगा ओटीपी।
वन टाइम पासवर्ड पर वाहन मालिक की सहमति के बाद ही विभाग करेगा आगे की कार्यवाही पूरी।
ओटीपी के जरिए चोरी के वाहनों के रजिस्ट्रेशन, ट्रांसफर और बिक्री आदि पर रोक लगाई जा सकेगी।
वाहन का रजिस्ट्रेशन करने के वक्त वाहन मालिक अधिकृत मोबाइल नंबर डाटा के साथ फीड किया जा रहा है।
वाहन मालिक के नंबर पर वाहन के बकाया टैक्स, फिटनेस एक्सपायरी डेट आदि अपडेट भी भेजे जाएंगे।
आरटीओ कार्यालय में प्रतिदिन 30 से 35 प्राइवेट और 80 से 100 कमर्शियल वाहनों का होता है पंजीकरण।
प्रतिदिन औसतन वाहन ट्रांसफर के 120 से 125 केस आते हैं।
इस योजना को मुख्यालय स्तर पर लागू किया जा रहा है। वाहन स्वामियों का जो डाटा विभाग के पास फीड है उसके आधार पर यह व्यवस्था लागू की जाएगी। मगर ये व्यवस्था कब से लागू होगी इस बाबत अभी निर्देश नहीं आए हैं।
सीएल निगम, आरआई