PATNA: चरस तस्करी के आरोप में क्भ् साल की सजा काट रही एक महिला को हाईकोर्ट ने रिहा करने का फैसला सुनाया है। यह फैसला न्यायाधीश समरेन्द्र प्रताप सिंह एवं न्यायाधीश एके त्रिवेदी ने पुलिस अनुसंधान में बड़ी गड़बड़ी मिलने के बाद सुनाया है। महिला को निचली अदालत ने क्भ् साल कैद के साथ साथ ड़ेढ़ लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।

तलाशी में मिला था चरस

सुनवाई के दौरान अभियोजन ने बताया कि प्रमिला देवी नाम की महिला फ् जनवरी को ख्0क्0 को हाजीपुर रेलवे स्टेशन पर पकड़ी गई थी। वह हाजीपुर से कोलकाता जा रही थी। पुलिस ने उस महिला की तलाशी ली तो उसके बैग से भ् किलो चरस मिला था। जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

इसलिए निर्दोष है महिला

वकील योगेश चन्द्र वर्मा ने महिला को निर्दोष बताते हुए कहा कि ज?त चरस की ज?ती सूची में गड़बड़ी थी। क्योंकि ट्रेन में ज?त चरस को सील किया जाना चाहिए था। साथ ही अभियुक्त एवं पुलिस अधिकारी का दस्तखत भी लिया जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसके अलावे मालखाने में भी चरस को रखते समय सील नहीं किया गया।

फिर एक महीने के बाद चरस को फारेंसिक जांच के लिए भेजा गया। इसलिए यह कहना सही नहीं होगा कि पकड़ी गई वस्तु चरस ही थी। उन्होंने कहा कि एनडीपीएस के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त प्रक्रिया अपनाने को कहा है इसके बावजूद अनुसंधान में बड़ी भूल की गई की गई जिसका लाभ अभियुक्त को मिलना चाहिए।