वन विभाग के आदेश पर रोक

नाबालिग से यौनशोषण मामले में जेल में बंद कथावाचक आसाराम बापू को हाई कोर्ट ने राहत प्रदान करते हुए टिहरी गढ़वाल स्थित नीरगड्डू आश्रम की भूमि खाली करने संबंधी वन विभाग के आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को इस मामले में चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं. मामले की सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की एकलपीठ में हुई.

आश्रम खाली कराने का था आदेश

उल्लेखनीय है टिहरी गढ़वाल के नीरगड्डू में आसाराम का आश्रम संचालित है. वन विभाग ने इसी साल 13 फरवरी व नौ सितंबर को एक आदेश जारी कर आश्रम खाली करने को कहा था. वन विभाग के आदेश के खिलाफ आसाराम के पॉवर आफ अटार्नी अशोक कुमार ने याचिका के जरिये हाई कोर्ट में चुनौती दी. याची के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि आश्रम की भूमि को लेकर आसाराम व संत राम सेवक के बीच कोर्ट में विचाराधीन विवाद यह है कि आश्रम का उत्तराधिकारी कौन है. याची का यह भी कहना था कि उसके द्वारा लीज नवीनीकरण के लिए स्थानीय प्रशासन को प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिस पर निर्णय लंबित है.

अवैध कब्जा कर बनाया आश्रम

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में आसाराम आश्रम व ट्रस्ट की जमीन की जांच में पाया गया कि ट्रस्ट ने निजी जमीन पर अवैध कब्जा किया है. आसाराम की योग वेदांत समिति ने आश्रम के लिए लोगों की जमीन पर कब्जा किया है. आसाराम का आश्रम यहां करीब चालीस बीघा में फैला हुआ है. आश्रम वर्ष 2003 में तैयार हुआ व बाद में समय-समय पर जमीन खरीदी गई.

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