-हाईकोर्ट ने SC/ST कमीशन की ओर से VC के स्वयं उपस्थिति के वारंट को बताया अनुचित

-कमीशन को दी हिदायत, आगे से इस तरह के एक्शन लेने से आये बाज

VARANASI: एससीएसटी कमीशन की ओर से बीएचयू वीसी को समन व वारंट भेजकर खुद उपस्थित होने के मामले में हाईकोर्ट ने नौ अप्रैल को दिये अपने निर्णय में वीसी को खासी राहत दी है। हाईकोर्ट ने कमीशन की ओर से वीसी की व्यक्तिगत उपस्थिति को लेकर जारी वारंट को अनुचित बताया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि यदि कमीशन किसी बात को लेकर वीसी से असहमत था तो उसे इस बात का उल्लेख करते हुए जानकारी मांगनी चाहिए थी।

कोर्ट से मिली राहत

कोर्ट ने कहा कि वीसी ने अपनी ओर से समय समय पर ऑफिसर्स को भेज कर आयोग के सामने अपना पक्ष प्रस्तुत किया है। ऐसे में वीसी की व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति को किसी भी तरीके से उचित नहीं ठहराया जा सकता है। कोर्ट ने कमीशन को आगे से इस तरह के किसी भी तरह का एक्शन लिये जाने से बाज आने को कहा है। बताते चलें कि कमीशन के सामने वीसी को उपस्थित होने तथा वारंट जारी करने के मामले में चार जुलाई को स्टे दिया था। इसके बाद भी कमीशन ने वीसी को समन भेजकर उपस्थित होने को कहा था। इसके खिलाफ यूनिवर्सिटी की ओर से हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई थी।

इंदू चौधरी की शिकायत निराधार

कोर्ट ने इंग्लिश डिपार्टमेंट बीएचयू की टीचर इंदू चौधरी की दलित उत्पीड़न की शिकायत को भी निराधार माना है। कोर्ट ने कहा कि इंदू चौधरी के खिलाफ लिया गया एक्शन एक संस्था द्वारा अपने स्टाफ के खिलाफ लिया गया अनुशासनात्मक एक्शन है। इसे किसी भी तरह से दलित उत्पीड़न की संज्ञा नहीं दी जा सकती।