झारखंड धर्म स्वतंत्र विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी

खास बातें:

1. बल प्रयोग, प्रलोभन या कपटपूर्ण तरीके से धर्म बदलवाने पर मिलेगी सजा

2. नाबालिग, महिला या एसटी-एससी का जबरन धर्म बदलवाने पर सार साल की कैद

3. 50 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक जुर्माने का भी किया गया प्रावधान

4. धर्म परिवर्तन संस्कार आयोजित करने वाले को जिला दंडाधिकारी से अनुमति लेनी होगी

5. धर्म बदलने की इच्छा रखनेवाले को भी पहले सरकार की अनुमति लेना जरूरी

6. बिना अनुमति के धर्म परिवर्तन करने पर एक साल की कैद और पांच हजार जुर्माना

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RANCHI (1 Aug) : झारखंड कैबिनेट ने मंगलवार को झारखंड धर्म स्वतंत्र विधेयक को मंजूरी दे दी। इस विधेयक को लेकर काफी दिनों से चर्चा चल रही थी। विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति का जबरन धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे तीन साल के कारावास की सजा होगी। इसके अलावा उसे भ्0 हजार रुपए का जुर्माना भी देना पड़ सकता है। जबरन धर्म परिवर्तन के अलावा प्रलोभन देकर या कपटपूर्ण तरीके से धर्म बदलवाने वाले को ब् साल की कैद या क् लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है। परिस्थिति के हिसाब से कैद और जुर्माना दोनों ही हो सकता है। यह प्रस्ताव गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से लाया गया है। इसे विधानसभा में लाकर कानून का रूप दिया जाएगा।

कार्यक्रम के आयोजन से पहले अनुमति जरूरी

विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि अगर किसी व्यक्ति अथवा संस्था के द्वारा धर्म परिवर्तन के लिए कोई कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, तो उसे पहले संबंधित जिले के दंडाधिकारी से अनुमति लेनी होगी। यही बात धर्म बदलने वाले व्यक्ति पर भी लागू होगा। अगर कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से भी धर्म बदलना चाहता है, तो उसे जिला दंडाधिकारी को एक फॉर्मेट में सभी जानकारियां उपलब्ध करानी होगी। ऐसा नहीं करने वाले व्यक्ति एक साल की सजा या पांच हजार का जुर्माना अथवा दोनों ही दंड के भागी होंगे।

विधायकों-सांसदों के लिए कांके में बनेगा आवास

कैबिनेट ने राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के एक अन्य प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी, जिसके तहत झारखंड विधायक एवं सांसद गृह निर्माण स्बावलम्बी सहकारी समिति लिमिटेड के लिए फ्भ् एकड़ जमीन हस्तांतरित की जाएगी। सरकार ने विधायकों तथा सांसदों के गृह निर्माण के लिए चिन्हित भूमि हस्तांतरण के लिए 70 करोड़ 8फ् लाख ख्7 हजार म्फ्8 रुपए की मंजूरी भी दी। इस प्रस्ताव के तहत कांके के चुटू में फ्भ् एकड़ जमीन पर विधायकों और सांसदों के लिए घर बनेगा।

कैबिनेट के अन्य फैसले

- आपदा प्रबंधन के लिए हर जिले के डीसी को एकमुश्त एक करोड़ रुपए का आवंटन दिये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी। पहले उपायुक्तों को ख्भ् लाख रुपए एक मुश्त आवंटन दिए जाने का प्रावधान था।

- अग्निशमन सेवा के राजपत्रित एवं अराजपत्रित संवर्ग की नियुक्तियों तथा झारखंड गृह रक्षा वाहिनी सेवा के अराजपत्रित संवर्ग के पदों पर होने वाली नियुक्तियों को नि:शक्त व्यक्ति अधिनियम क्99भ् के दायरे से तथा नि:शक्त जनों के लिए तीन प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के सामंजन से मुक्त रखने का निर्णय लिया गया।

- झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाघीश द्वारा मनोनीत अधिकृत पदाधिकारी की चिकित्सा प्रतिपूर्ति विपत्रों के सापेक्ष वित्तीय क्षमता को क्0 हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए करने की स्वीकृति।

- झारखंड आधार विधेयक प्रारूप ख्0क्7 को मंजूरी मिली। इसके तहत राज्य सरकार आवश्यकता अनुसार झारखंड राज्य विभिन्न सेवाओं के लिए आधार की अनिवार्यता तय कर सकेगी।

- झारखंड नगरपालिका अधिनियम, ख्0क्क् के आधार पर मेदनीनगर नगर परिषद को अंतिम रूप से मेदनीनगर नगर निगम बनाये जाने की स्वीकृति दी गयी।

- रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत राज्य के हवाई अड्डों के विकास एवं विस्तार के लिए परिवहन (नागर विमानन) विभाग झारखंड सरकार को सरकारी भूमि (जीएम लैंड) का नि:शुल्क भूमि हस्तांतरण करने एवं आवश्यकतानुसार ऐसी भूमि को टोकन राशि एक रुपए पर लांग टर्म लीज पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को उपलब्ध कराने की स्वीकृति प्रदान की गई।

- प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़कागांव, हजारीबाग की डॉ मीरा कुमारी को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति प्रदान की गई।