- दशलक्षण पर्व के तीसरे दिन राजेश भैया जी ने दिया प्रवचन

- दिगंबर जैन मंदिर में उत्तम आर्जव की पूजा हुई

PATNA : पाटलिपुत्र दिगंबर जैन समिति की ओर से भगवान महावीर पथ स्थित दिगंबर जैन मंदिर में जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व दशलक्षण पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। ये पर्व भादो माह के आखिरी दस दिनों में मनाया जाता है। पर्व के तीसरे दिन जैन धर्मावलंबियों ने शांति धारा किया और उत्तम आर्जव की महापूजा की। शांति धारा शांतिजैन, मुकेश जैन ने सपरिवार किया। पूजा अर्जना सुबह साढ़े छह बजे से ग्यारह बजे तक हुई। पूजा अर्चना मध्य प्रदेश से आचार्य क्08 विद्यासागर जी के परम शिष्य बाल ब्रह्मचारी राजेश भैयाजी के सानिध्य और मार्गदर्शन में और सागर मध्य प्रदेश से आए संगीतकार नीलेश जैन एवं लता जैन के संगीत निर्देशन में हुआ। इसके बाद ब्रह्मचारी राजेश भैया जी का प्रवचन हुआ।

मोह माया त्यागो सुखी रहो

उत्तम आर्जव पर उन्होंने कहा कि क्रोध और अहंकार की तरह ही आदमी के जीवन में छल और कपट भी व्याप्त है। इसी के कारण आदमी सोचता कुछ, कहता कुछ और करता कुछ और ही है। कहा कि मन-वचन और कार्य मे एकरूपता ही आर्जव धर्म है। जिस प्राणी ने मोह माया का त्याग किया है वह सुखी है। जब अपना मन पवित्र होता है तो दूसरे के चेहरे पर अपनी चिह्न होता है। अत: अपने अंदर के भाव को निर्मल और सरल बनायें तभी संसार सुखी होगा। प्रवचन के बाद जैन प्रश्नोत्तरी और जैन भजन का आयोजन सागर मध्य प्रदेश से आए संगीतकार नीलेश जैन एवं लता जैन के सानिध्य में पूरा हुआ। आयोजन को सफल बनाने में समिति के अध्यक्ष शांति लाल जैन, ईशान जैन, मुकेश जैन, अजित जैन, सुबोध जैन, रोहित जैन, पुष्पा जैन, अर्चना जैन, डा। गीता जैन, वीणा जैन, मारा छाबड़ा, सोनिया आदि का विशेष योगदान रहा।