गोलघर की मुख्य सड़क का हाल

समय- 3 बजे दोपहर

स्थिति- गोलघर यानी गोरखपुर का दिल, लेकिन यह दिल ही सबसे बदसूरत नजर आता है। इसका जिम्मेदार है अतिक्रमण। अतिक्रमण रोधी दस्ते के हटते ही अतिक्रमण शुरू हो गया। जब आई नेक्स्ट टीम गोलघर पहुंची तो यहां कोई खूबसूरती नजर नहींआई। नजर आया तो बस अतिक्रमण। गोलघर की फुटपाथ पर शॉपकीपर्स ने अपने सामान रख दिए हैं। पार्किंग की जगह पर फुटपाथ बन गई है और सड़क पार्किंग नजर आती है। गोलघर के एक तरफ की सड़क कभी तीस फीट चौड़ी, फुटपाथ 5 फीट और गैलरी 8  फीट की गैलरी हुआ करती थी, लेकिन गैलरी पर दुकानदार, फुटपाथ पर फुटपाथ व्यवसायी वालों का कब्जा हो चुका है।

टाउनहाल से घोस कंपनी

यहां भी अतिक्रमण हटा, लेकिन आज इसे देखकर कोई यह कह नहीं कह सकता कि यहां से कभी अतिक्रमण हटा था। ठेला, टैंपो वालों ने यहां पर जाम लगा दिया है। दुकानदारों ने सड़क पर ही अपनी दुकान खोल दी है। शास्त्री चौक से डिस्ट्रिक्ट हास्पिटल, गोलघर आने वाली सड़क पर फिर से दुकानें खुल गई हैं। शास्त्री चौक पर स्थित बिजली विभाग के ऑफिस में पार्र्किंग की व्यवस्था न होने के कारण बिल जमा करने आने वाले लोग गाडिय़ां सड़क पर ही पार्क करते हैं। दोपहर तक सड़क पर इतनी गाडिय़ां खड़ी हो जाती है कि ट्रैफिक जाम की नौबत आ जाती है।

बेतियाहाता

बेतियाहाता की रोड 13 फीट चौड़ी है और फुटपाथ 5 फीट है। करीब एक किलोमीटर लंबी सड़क को देखा जाए तो दूर दूर तक कहीं फुटपाथ नजर नहींआता है। दूसरी तरफ लोगों ने सड़क के नजदीक ही अपनी मकान की बाउंड्री बना ली है। बेतियाहाता सिटी का एक पॉश इलाका माना जाता है और यहां पर काफी तादाद में नर्र्सिंगहोम और क्लिनिक हैं। यहां फुटपाथ पर दुकानें खुल जाने के कारण मरीजों के तीमारदार मजबूरी में अपनी गाडिय़ां रोड पर खड़ी करते हैं.  इस रोड पर दोपहर को निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है। कभी कभी तो यहां इतना लंबा जाम लगता है कि एक किलोमीटर लंबी सड़क पार करने में घंटों लग जाते हैं।

कई हास्पिटल और शॉपकीपर्स का कब्जा

बेतियाहाता में सबसे अधिक हास्पिटल और नर्सिंग होम हैं। हास्पिटल्स व नर्सिंग होम्स वालों ने पार्र्किंग की जगह पर जनरेटर रख दिया है या चबूतरा बना लिया है। मई 2013 में इन चबूतरों को तोडऩे के लिए जीएमसी ने नोटिस भी दिया था, लेकिन अभी तक हास्पिटल वालों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी है।

बैंक रोड का फुटपाथ गायब

टाउनहाल से लेकर विजय चौक तक फुटपाथ नदारद ही मिलते हैं। इस सड़क पर अगर आप पैदल चल रहे हैं तो आपको सड़क पर ही चलना होगा क्योंकि दुकानदारों ने अपनी सहूलियत के लिए नियमों को ताक पर रख कर फुटपाथ पर निर्माण करा लिया है। एडी इंटर कॉलेज के सामने कूड़ा पड़ाव केंद्र को जीएमसी आज तक नहींहटा पाई है। यह रोड उग्रसेन चौराहे से लेकर विजय चौक तक कभी 60 फीट चौड़ी हुआ करती थी, लेकिन अब यह केवल 37 फीट बची है। जिसमें 16 फीट सीसी रोड, 21 फीट फुटपाथ और आधा मीटर नाला है। लोगों ने पहले नाले पर कब्जा किया और उसके बाद पूरा फुटपाथ निगल गए। यहां एक रिटेल स्टोर ने नाले पर ही कब्जा कर लिया है।

स्टेशन रोड

स्टेशन पुलिस चौकी के सामने ही रोड पर फुटपाथ पर कब्जा हो गया है। 15 सौ मीटर लंबी और 10 मीटर चौड़ी सड़क अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है। पुलिस चौकी के सामने फुटपाथ पर होटल वालों ने अपनी कुर्सी और मेज लगाने के साथ ही ठेलेवालों को भी जमा दिया है। स्टेशन के सामने मंदिर के चारों तरफ ऐसा कब्जा है कि मंदिर के केवल सिरा दिखता है। रेलवे स्टेशन के नाले पर दुकानें खुल चुकी हैं। महाराणा राणा प्रताप मूर्ति से मोहद्दीपुर जाने वाले रास्ता बस वालों के सवारी भरने के काम आता है। यह सड़क गैराज बन चुकी है।

पुलिस के सामने फुटपाथ बना गैराज

एसएसपी ट्रैफिक ऑफिस के सामने से लेकर पुलिस लाइन गेट तक का एक तरफ का फुटपाथ गैराज की शक्ल ले चुका है। इस सड़क पर एसएसपी ट्रैफिक ऑफिस, गोरखनाथ व कैंट सीओ ऑफिस और पुलिस लाइन जैसे प्रमुख सरकारी महकमे के अफसरों का डेली आना-जाना रहता है, फिर भी अवैध कब्जा किसी को नहींदिखता है। गोरखनाथ सीओ ऑफिस के सामने अंडा व्यापारी पूरे दिन कब्जा किए?रहते हैं। उससे कुछ आगे बढऩे के बाद बाइक मैकेनिक कब्जा किए?दिखते हैं। अगर इनको कोई बोल दे तो मार-पीट पर उतर जाते हैं।

अतिक्रमण हटाया गया है, फिर भी अतिक्रमण की शिकायत आ रही है। फिर से अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाया जाएगा।

राजेश कुमार त्यागी, म्यूनिसपल कमिश्नर