PATNA: अहमदाबाद से 7 दिन पहले पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बनकर आए मुकेश आर शाह ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को कहा था अब पटना मेरा शहर हुआ। जल्द ही आपको यह शहर बदलता हुआ दिखाई देगा। आज से मैं पटना का और पटना मेरा हुआ। 7 दिन के अंदर ही उन्होंने अपनी कही बात का असर दिखाना शुरू कर दिया है। सोमवार को कमिश्नर, डीएम, एससपी, ट्रैफिक एसपी से लेकर नगर आयुक्त तक को अपने कोर्ट में बुलाकर दो टूक में कह दिया, मुझे फुटपाथ खाली चाहिए। जो बीच में आए अवमानना की कार्रवाई कीजिए लेकिन शहर में किसी भी फुटपाथ पर अतिक्रमण नहीं दिखना चाहिए। पटना के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब किसी चीफ जस्टिस ने शहर को साफ करने का जिम्मा उठाया हो।

सड़क पर चलना मौलिक अधिकार

पटना हाईकोर्ट ने सोमवार को सड़क को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए चलाए जा रहे अभियान में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई चलाने की बात कही है। चीफ जस्टिस मुकेश आर शाह और जस्टिस डॉ। रविरंजन की दो सदस्यीय खंडपीठ ने अतिक्रमण एवं ट्रैफिक समस्या से जुड़े मामलों पर कहा कि सड़कों पर चलना नागरिकों का मौलिक अधिकार है।

हाईकोर्ट का अफसरों से सवाल

-क्या पटना को स्मार्ट शहर नहीं बनाना चाहते हैं?

- आप पटना को 1 नंबर का शहर बनाना नहीं चाहेंगे?

-क्या आप शहर को चकाचक नहीं रखना चाहते हैं?

सवालों में फंस गए नगर आयुक्त

चीफ जस्टिस- शहर की अव्यवस्था को लेकर नगर आयुक्त आप क्या कर रहे हैं?

नगर आयुक्त- अभी मुझे निगम में आए दो ही महीने हुए हैं।

चीफ जस्टिस- उससे क्या होगा हमें भी तो आए एक ही सप्ताह हुआ है।

7 दिन के चीफ जस्टिस के बोल

-आप सभी अधिकारियों को शहर को साफ करने का जिम्मा उठाना है।

-यदि शहर को चकाचक रखना चाहते हैं तो आप सभी को निष्ठा से काम करना ही पड़ेगा।

-अतिक्रमण एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर कई आदेश दिए जा चुके हैं। बार-बार बात दोहराना ठीक नहीं है।

-पटना को व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से पाट दिया गया है।

-लोगों को चौंक चौराहे पर वाहन को लगा कर सड़क बाधित करने से बचना होगा।

-पार्किंग की वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ेगी। यह भी ध्यान रखना होगा कि दोबारा अतिक्रमण नहीं हो जाए।

-10 सितंबर तक प्रगति रिपोर्ट के साथ एक बार आप सभी फिर आइए।