- रेपर्टवा सीजन सेवन के पांचवें दिन महान पेंटर विंसेंट पर आधरित नाटक का मंचन

- परवाज बैंड से परवान चढ़ा रेपर्टवा महोत्सव

LUCKNOW : सुहाने मौसम में म्यूजिकल फेस्ट का रंग ऐसा चढ़ा कि लोग मदमस्त हो गये। रेपर्टवा के पांचवें दिन रॉक बैंड नाटक के अलावा मसान मूवी को भी दिखाया गया। वहीं, लोगों ने नाटक के डायरेक्टर सत्याब्रत राउत और बैंड के सिंगर कशिफ इकबाल से बात की तो दूसरी ओर मसान मूवी को देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ रही। संगीत नाटय अकादमी में चल रहे रेपर्टवा फेस्टिवल अपने पूरे शबाब पर है, दिन ब दिन लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है।

परवाज बैंड ने बांधा समां

परवाज बैंड ने रेपर्टवा फेस्टिवल के पाचवें दिन बेहतरीन परफॉरमेंस से लोगों का दिल जीत लिया। उर्दू और हिंदी रॉक गानों के इस बैंड ने ऐसा समां बांधा कि लोग मंत्रमुग्ध होकर झूमने लगे। बैंड गिटारिस्ट कशिफ इकबाल ने बताया कि इस शहर में परफार्मेस देने की एक खास वजह है क्योकि यहां के लोग तहजीब पसंद और उर्दू के जानकार है, इसलिए लोगों को हमारे बैंड की परफॉरमेंस काफी पसंद आयेगी। परवाज बैंड ने अपने अल्बम बरान का गाना अबकी ये सुबह इस कद्र हुई कि शाम की हमें फिक्र नहीं गाकर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद इतने अरसे के बाद आई घर की याद कभी सोचा न था होंगे यू बेकरार, बेपरवह रोज सा तू क्यों फिर रहा, गुल गुलशन गाया तो लोगों ने तालियां बजाकर उनकी हौंसला अफजाई की। बैंड में कशिफ इकबाल गिटार, खालिद परवेज वोकल, सचिन ड्रम्स, फिदेल डिसूजा बास और राहुल रघुनाथ ने साउंड पर साथ दिया।

महान पेंटर विंसेंट पर आधरित नाटक का मंचन

दुनिया के महान पेंटरों में शामिल विन्सेंट विलेम वैन गो की जिंदगी पर आधारित नाटक तुम्हारा विन्सेंट का मंचन किया गया। इसका लेखन और निर्देशन सत्यब्रत राउत ने किया। सत्यब्रत राउत को इस बार का मोहन राकेश नाट्य लेखन का पहला पुरस्कार मिला है। सत्यब्रत राउत ने बताया कि वो इससे पहले भी शहर में कई कार्यक्रम कर चुके है। आज की जनरेशन के बारे में उन्होंने कहा कि ये जनरेशन पूरी तरह सेलिफश हो गई है। अपने बारे में बताते हुए कहा कि मेरा सपना है कि मैं एक थियेटर म्यूजिम खोलूं जिसमें सभी तरह के कस्टूयम हो जो नाटकों में इस्तेमाल किये गये हो। नाटक के बारे में उन्होंने बताया कि विंसेंट की कहानी मुझसे बहुत मिलती है ये नाटक मेरे काफी करीब है। विन्सेंट उन लोगों की पेंटिंग बनाते थे जिनके जीवन में कोई रंग ही नहीं था। आधुनिक कला के संस्थापकों में से एक विन्सेंट को लोगों ने पागल तक करार दे दिया था। 39 साल की उम्र में विन्सेंट ने आत्महत्या कर ली। विन्सेंट विलेम मरने के लिए जीना नहीं चाहते थे बल्कि जीने के लिए मरना चाहता थे। नाटक के जरिये विन्सेंट की जिन्दगी में आई त्रासदियों को बखूबी दिखाया गया। इस नाटक में सईदुर्रहमान, अनुराग पांडे, परवेज अख्तर, राजेंद्र शर्मा, सोनल झा ने बेहतरीन अदाकारी की। विजुएल थियेटर का इस तरह नाटक पहली बार हुआ है।

मसान मूवी को लोगों ने किया पसंद

मसान मूवी को रेपर्टवा के थियेटर फिस्ट में दिखाया गया। यह मूवी बाकी बालीवुड मूवी की थीम से अलग है जिसको लोगों ने खूब पसंद किया। यह मूवी एक संदेश के साथ खत्म होती है कि अपनी जिंदगी को हर हाल में जीना चाहिए। इस फिल्म का निर्देशन नीरज घायवन ने किया है। फिल्म में संजय मिश्रा ऋचा चढ्डा, विक्की कौशल और श्वेता त्रिपाठी इसमें मुख्य किरदार में हैं। इस फिल्म में बनारस की पृष्ठभूमि को दिखाया जाता है। इस फिल्म में दो अलग अलग कहानी को साथ में दिखाता है। पहली कहानी देवी की है जो अपने साथी विद्यार्थी पीयूष के साथ एक होटल में जाती है। जहाँ पुलिस उसे अपत्तिजनक हालत में पकड़ लेती है और पीयूष बदनामी के डर से आत्म हत्या कर लेता है देवी पर पुलिस जबर्दस्ती गुनाह क़बूल कराती है। इसके बाद पुलिस उसे इस बात को दबाने के लिए पैसे मांगती है। दूसरी कहानी श्मशान घाट में काम करने वाले दीपक की है जो निचले वर्ग का है। एक दिन उसकी मुलाक़ात एकच्उच्च वर्ग की लड़की शालू गुप्ता वह दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। एक हादसे में शालू की मौत हो जाती है। अंत में देवी और दीपक दोनों ही अपने सपनों को पूरा करने के लिए पुरानी बातों को भूल कर आगे निकल पड़ते है।