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एक रिपोर्ट से तेवर पड़े 'मुलायम'

-मुख्यमंत्री के खिलाफ फैसला होने पर बिगड़ सकता था लॉ एंड आर्डर

-खुफिया एजेंसी के अफसर ने खुद नेताजी को भी दी जानकारी

yasir.raza@inext.co.in

LUCKNOW: सपा महासचिव अमर सिंह पर सीधा निशाना और चार मंत्रियों की बर्खास्तगी के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव वैसे तो बेहद खफा थे। फैसले के अगले ही दिन पार्टी विधायक और सांसद, पदाधिकारियों की बैठक में सीएम अखिलेश को लेकर कोई कठोर फैसला ले सकते हैं। लेकिन सूत्रों का कहना है कि इंटेलीजेंस की एक रिपोर्ट के बाद मुलायम सिंह नरम पड़ गये। रिपोर्ट में बताया गया था कि मुख्यमंत्री के खिलाफ फैसला हुआ तो लॉ एंड आर्डर का बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।

खुद मुलायम को दी जानकारी

सूत्रों की मानें तो इंटेलीजेंस के इनपुट के बाद अफसरों के हाथ पांव फूल गये थे। मुलायम के कुछ वफादार अफसरों ने मुलायम सिंह से मिलकर भी इसकी जानकारी दी थी। खुफिया एजेंसियों के पास पुख्ता इनपुट थे कि मुख्यमंत्री के खिलाफ बैठक में कोई निर्णय लिया जाता है तो ना सिर्फ पार्टी ऑफिस के बाहर बल्कि अलग-अलग जिलों में बवाल की आशंका है। जिसे कंट्रोल करना पुलिस के लिए चुनौती साबित हो सकता है।

एडीजी एलओ को आना पड़ा था

सपा में चल रहा घमासान किस कदर गंभीर था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमूमन पब्लिक गैदरिंग के बड़े बड़े कार्यक्रमों को ऑफिस से बैठ कर हैंडिल करने वाले अफसर भी फील्ड में निकल आये थे। इतनी फोर्स समाजवादी पार्टी के दफ्तर पर कभी तैनात नहीं करनी पड़ा थी। तीन सौ मीटर के दायरे में आठ से ज्यादा सीओ तैनात थे। यहां तक कि एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत सिंह चौधरी ने खुद मोर्चा संभाला था। एसएसपी, डीआईजी और आईजी तो मुलायम की मीटिंग शुरू होने से पहले ही पार्टी ऑफिस के बाहर पहुंच गये थे। डीजीपी सैयद जावीद अहमद ऑफिस से पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए थे।

हर स्थिति से निपटने का इंतजाम

सूत्रों का दावा है कि जो इनपुट खुफिया एजेंसियों के पास था उससे पुलिस अधिकारियों के हाथ पांव फूले थे। सादे ड्रेस में पुलिस कर्मियों को लगाया गया था। सबकी नजर मुलायम के अगले कदम पर थी। कोई भी ऐसा निर्णय जो दोनों पक्षों में से किसी के भी खिलाफ होता तो चैलेंज बढ़ सकता था। हालांकि पुलिस ने निपटने के सारे इंतजाम किये हुए थे। एक पुलिस अधिकारी ने नाम ना छापे जाने की शर्त पर बताया कि वहां कुछ अराजक तत्व भी मौके का फायदा उठाने पहुंच गये थे जिनके पास असलहे होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता था।