- 10 फरवरी 2013 को रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 42 लोगों की हुई थी मौत

- कुंभ में स्नान के बाद लौट रहे लोगों को नहीं संभाल पाया था प्रशासन

- कैबिनेट की नौ फैसलों पर मुहर, एथनॉल मिश्रित पेट्रोल पर अब दोहरा टैक्स नहीं

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LUCKNOW: छह साल पहले प्रयागराज में हुए कुंभ में रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ से 42 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। लंबे इंतजार के बाद अब इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार सदन के पटल पर रखने जा रही है ताकि निर्दोष लोगों की मौत के जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की जा सके। वर्ष 2013 में सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम का स्नान कर वापस लौट रहे लोगों की मौत ने सबको झकझोर कर रख दिया था। तत्कालीन सरकार ने रेलवे जंक्शन पर हुई इस दुर्घटना की जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस ओंकारेश्वर भट्ट की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित किया था जिसकी रिपोर्ट 14 अगस्त 2014 को राज्य सरकार को सौंपी गयी थी। अब राज्य सरकार ने रिपोर्ट को यथावत स्वीकार करते हुए इसको कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट-1952 के अधीन सदन के दोनों पटलों पर रखे जाने का निर्णय लिया है।

इस बार मुकम्मल व्यवस्था
रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखने के प्रस्ताव को मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने मंजूर कर लिया। राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि पिछली बार हुई इस चूक को ध्यान में रखते हुए इस बार मुकम्मल इंतजाम किए गये है। छह साल पहले हुए इस हादसे की वजह एकाएक प्लेटफार्म बदलना था जबकि रेलवे जंक्शन पर फुटओवर ब्रिज बेहद कम थे। भीड़ की निकासी के इंतजाम भी पर्याप्त नहीं थे। ट्रेन पकड़ने की हड़बड़ी में लोग ओवरब्रिज पर टूट पड़े जिससे वहां भगदड़ मच गयी और 42 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया। देर रात हुए इस हादसे के बाद शासन में भी भगदड़ मच गयी थी और राज्य सरकार को आधी रात को एनेक्सी में प्रेस कांफ्रेंस बुलानी पड़ गयी थी। प्रवक्ता ने कहा कि इस बार तमाम एहतियाती उपाय बरते गये हैं ताकि ऐसी कोई नौबत न आने पाए।

अन्य कैबिनेट फैसले

एथनॉल मिश्रित पेट्रोल पर दोहरा टैक्स नही
कैबिनेट ने एथनॉल मिश्रित पेट्रोल पर दोहरा टैक्स समाप्त करने का निर्णय लिया है। दरअसल मिक्सिंग और पेट्रोल दोनों पर टैक्स लगने से कंपनियां इसमें रुचि नहीं दर्शा रही थी। केंद्र सरकार ने इसी वजह से इसे समाप्त करने को यूपी सरकार से अनुरोध किया था। अब एक ही टैक्स रखने का फैसला लिया गया है। दरअसल रिफाइनरी से पेट्रोल वितरण की जिम्मेदारी जिस एजेंसी को मिलती थी, वह पेट्रोल खरीदने वाली कंपनियों को पेट्रोल देते समय 14.41 रुपये टैक्स वसूल करती थी। पेट्रोल खरीदने वाली कंपनी यदि इस पेट्रोल में एथनॉल मिलाती है तो उसे दोबारा इतना ही टैक्स देने की व्यवस्था थी। इससे एथनॉल मिश्रित पेट्रोल का कारोबार नहीं हो पा रहा था। किसानों का एथनॉल भी नहीं बिक पा रहा था। हालांकि इस पर लगने वाले वैट को इस शर्त पर समाप्त करने का निर्णय लिया गया है कि ऐसी ऑयल मार्केटिंग कंपनी द्वारा ब्लेंडेड पेट्रोल की बिक्री यूपी के अंदर की जाए तथा ऐसे ब्लेंडेड पेट्रोल पर वैट के तहत कर का भुगतान किया जाए। साथ ही विक्रेता व्यापारी को कमिश्नर द्वारा विहित प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाए।

मत्स्य आखेट नीति मंजूर
मछुआ समाज को सुविधा मुहैया कराने की गरज से नदियों में मत्स्य आखेट (शिकार) के लिए पट्टा/ठेका देने की नीति को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। हर तहसीलों में डीएम द्वारा एसडीएम की अध्यक्षता में बनाई गई चार सदस्यीय मत्स्य आखेट समिति यह पट्टा/ठेका देगी। इसमें ग्राम पंचायतों में मछुआ समाज के केवट, मल्लाह, बिंद, धीमर, कश्यप, रैकवार, मांझी, गोडि़या को वरीयता दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के 24 अक्टूबर, 2018 के आदेश के अनुपालन में यह फैसला किया गया है। प्रदेश की सीमा मेंपड़ने वाली नदियों में मत्स्य आखेट के लिए हर तहसील में मत्स्य आखेट समिति का गठन होगा। सरकार ने हर वर्ष पट्टाधारक को एक जून से 31 अगस्त तक नदियों में मत्स्य आखेट को प्रतिबंधित कर दिया है।

संस्तुतियों पर विचार करेगी उपसमिति
कैबिनेट ने पंचम राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों पर विचार-विमर्श कर संस्तुति देने के लिए एक उपसमिति गठित किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी। वित्त आयोग की संस्तुतियां लागू करने से पहले उनके विधिक, व्यावहारिक, आर्थिक, प्रशासनिक एवं अन्य प्रासंगिक बिंदुओं पर निर्णय लिए जाने और एक्शन टेकन रिपोर्ट कैबिनेट से अनुमोदित कराकर सदनों के पटल पर रखे जाने के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है। मालूम हो कि प्रदेश में पंचम राज्य वित्त आयोग (पंचायती राज एवं स्थानीय निकाय) का गठन रिटायर्ड आईएएस आनंद मिश्र की अध्यक्षता में किया गया था। आयोग द्वारा एक अप्रैल, 2016 से शुरू होने वाले आगामी पांच वषरें की अवधि के लिए रिपोर्ट दी जानी थी। आयोग द्वारा अपना प्रतिवेदन 31 अक्टूबर, 2018 को राज्यपाल को प्रस्तुत किया गया था जिसमें विभिन्न विषयों पर 64 संस्तुतियां की गयी हैं।

खनन क्षेत्र आरक्षित किए
कैबिनेट ने सरकारी संगठन जैसे यूपीडा, एनएचएआई, लोक निर्माण विभाग, डीएफसीसीआईए को निर्माण कार्यो के लिए बालू, मौरंग, मिट्टी की उपलब्धता के लिए खनन क्षेत्र आरक्षित किए गये थे। राज्य सरकार ने यूपीडा, एनएचएआई और लोनिवि को आरक्षित 13 खनन क्षेत्र कुछ कारणों से वापस ले लिए है। इनमें से यूपीडा को नौ, डीएफसीसीआईए को दो खनन क्षेत्र एक से दो वर्ष के लिए दोगुनी रायल्टी पर आवंटित किया गया है। शेष खनन क्षेत्र किसी को आरक्षित नहीं किए गये है। इन्हें निर्धारित प्रक्रिया के मुताबिक आवंटित किया जाएगा।

संपत्तियां ट्रांसफर की
नोएडा के सुपर स्पेशियलिटी बाल चिकित्सालय एवं स्नातकोत्तर शिक्षण संस्थान नोएडा को पूर्ण रूप से संचालित किए जाने तथा एमसीआई मानकों के अनुरूप स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किए जाने के उद्देश्य से कैबिनेट ने संस्थान की अचल/चल संपत्तियां नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) द्वारा बुक वैल्यू के आधार पर नि:शुल्क चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन संस्थान को ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है।

ये फैसले भी हुए

- कैबिनेट ने उप्र राज्य योजना आयोग राजपत्रित अधिकारी सेवा नियमावली, 2018 को स्वीकृति प्रदान कर दी। इसके बन जाने से आयोग में कार्मिकों को अनुभाग अधिकारी से अनुसचिव के पद पर प्रोन्नति के अवसर प्राप्त हो सकेंगे।

- बंद पड़ी गोरखपुर की धुरियापार किसान सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड की 50 एकड़ भूमि को एथनॉल प्लांट की स्थापना के लिए इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड को 30 वर्ष की लीज पर हस्तांतरित किए जाने का निर्णय कैबिनेट ने लिया है।